2 जून 2023। प्रदेश के दो जिलों अलीराजपुर के ग्राम कोछा ब्लाक कट्ठीवाड़ा एवं डिण्डौरी के ग्राम भाखामाल ब्लाक अमरपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में क्रमश: हनुमान आजीविका स्वसहायता समूह एवं मां नर्मदा आजीविका स्व सहायता समूह के माध्यम से प्लांट लगाकर बनाई जा रही हेरीटेज लिकर यानि महुआ से निर्मित मदिरा को पर्यावरण स्वीकृति से छूट दी जायेगी। यह निर्णय एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है।
बैठक में बताया गया कि उक्त दो प्लांट में प्रदूषित सामग्री को जमान में जाकर प्रदूषण फैलाने से रोकने के लिये निवारक संयंत्र बनाने होंगे और इसके लिये राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति भी लेना होगी जिससे प्लांट और हेरीटेज लिकर की लागत बढ़ जायेगी। इससे बचने के लिये उपाय बताया गया है कि महुआ से मदिरा बनाने के समय निकलने वाले वेस्ट से कैटल फीड यानि भूसा बनाया जा सकता है जिस पर कोई पर्यावरण स्वीकृति नहीं लेना होगी। बैठक में उपस्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भी ऐसा प्रस्ताव आने पर सहमति देने का आश्वासन दिया है।
पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है महुआ :
बैठक में महुआ की सप्लाय पर वन विभाग के अधिकारी से भी जानकारी ली गई जिस पर बताया गया कि प्रदेश के वनों में महुआ के करीब 30 लाख वृक्ष हैं तथा हर साल करीब साढ़े चार लाख महुआ पौधों का रोपण भी किया जाता है। राज्य लघु वनोपज संघ ने पिछले साल 32 हजार 356 क्विंटल महुआ फूल की समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की है। अभी अलीराजपुर एवं डिण्डौरी के प्लांट में सिर्फ एक प्रतिशत महुआ का उपयोग हो रहा है तथा इसकी उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। वन विभाग इस साल कटनी के जंगलों में महुआ के ग्राफ्टेड पौधे भी लगाने जा रहा है जिससे अच्छी क्वालिटी का महुआ उत्पादित हो सके।
एक माह बाद लांच करने की तैयारी :
हेरीटेज लिकर को एक माह बाद बाजार में उपलब्ध कराने के लिये आबकारी विभाग इसकी लांचिंग करने की तैयारी कर रहा है।
- डॉ. नवीन जोशी
हेरीटेज लिकर उत्पादन को मिलेगी पर्यावरण स्वीकृति से छूट
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 567
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