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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का समाज कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण : डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2226

डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने पत्रकार वार्ता में कहा मोदी सरकार की हर योजना में सामाजिक कल्याण शामिल
ई-श्रम पोर्टल पर 28 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण करवाया है, इसमें पुरुषों की तुलना में महिला पंजीकृत सदस्यों का प्रतिशत अधिक है, इस पोर्टल पर अब तक पंजीकृत सदस्यों में 52.75 प्रतिशत महिलाएं और 47.25 प्रतिशत पुरुष है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2.25 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत देश भर में 11 करोड़ से अधिक घरेलू शौचालय बनाए गए है।
12 करोड़ से अधिक घरों को नल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जिसके बाद ग्रामीण भारत में अब 61.71 प्रतिशत घरों के पास नल कनेक्शन है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 3.32 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पंजीकृत किया जा चुका है, और 3.05 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मातृत्व लाभ के रूप में 13,766 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
ई-ग्राम स्वराज एप्लीकेशन के तहत पंचायती राज संस्थाओं पर फोकस करते हुए 2,46,762 ग्राम पंचायतों की जियोटैगिंग कर, 1,90,311 ग्राम पंचायतों की प्रोफाइल तैयार की गई है।
अगस्त 2022 में, आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के एक भाग के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित लोगों के लिए एक समावेशी और समग्र स्वास्थ्य देखभाल पैकेज की घोषणा की गई।
एक्सेसिबल इंडिया अभियान के तहत, दिव्यांग आबादी के लिए 1500 से अधिक के प्रशिक्षण के साथ 1,607 सरकारी भवनों, 627 राज्य सरकार की बेवसाइटों और 95 केंद्र सरकार की बेवसाइटों को सुलभ बनाया गया है।
अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अलावा 41 मंत्रालयों/विभागों आदिवासी विकास परियोजनाओं के लिए हर साल अपने कुल योजना आवंटन से 4.3 से 17.5 प्रतिशत धन आवंटित कर रहे है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत मार्च 2023 तक कुल 1247.38 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये जा चुके है।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम के एक भाग के रूप में 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर 112 जिलों को विकसित किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की 9 वर्षों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल की स्थापना के बाद अब असंगठित श्रमिकों को मौजूदा सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित लोगों के लिए देश भर में 12 'गरिमा गृह' स्थापित किये गये हैं जो उन्हें आश्रय प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, देश की 2.7 लाख से अधिक दिव्यांग आबादी को लाभावन्वित करने वाली 3954 परियोजनाओं को दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना के तहत 508.34 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान जारी की गयी है। इसके अलावा 1.84 लाख दिव्यांग छात्रों को 2022 तक 556.37 करोड़ रुपये की छात्रृवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार पोषण ट्रेकर के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए राज्य के भीतर और बाहर एक आंगनवाड़ी केंद्र से दूसरे में प्रवास की सुविधा प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 2,900 से अधिक गांवों का चयन किया गया है, जिसमें 53 लाख से अधिक परिवारों के जीवन में बदलाव लाया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति के 2.6 करोड़ से अधिक लोग शामिल हैं। वर्तमान सामाजिक कल्याण मॉडल स्वभाविक रूप से समावेशी हैं और समग्र सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करते हुए सभी समुदायों को इसका लाभ प्रदान कर रहा है।
मोदी सरकार ने दीनदयाल जी की धारणा को साकार किया
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में समाज कल्याण क्षेत्र में हो रहे बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पंडित दीनदयाल जी की धारणा ?अंतिम व्यक्ति तक पहुंच? के सिद्धांत को पूरा करने की दिशा में अथक प्रयास किया है। ऐसे ही अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सुदृढ़ हुई है। प्रत्येक योजना के लिए समर्पित पोर्टल के साथ-साथ 'आधार' प्रणाली में लाए गए सुधार, समाज कल्याण योजनाओं के लाभ लक्षित लाभार्थियों तक सफलतापूर्वक पहुंचा रहे हैं। पीएम उज्जवला योजना, वन नेशन-वन राशन कार्ड, जल जीवन मिशन, पीएम आवास योजना, पीएम ग्राम सड़क योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं और पहलों के साथ इस क्षेत्र में परिवर्तन की शुरुआत सभी को प्रभावित कर रही है और भारत की लोक कल्याणकारी राज्य की छवि को मजबूती दे रही है।
यूपीए और एनडीए सरकार की तुलनात्मक अध्ययन को लेकर पीपीआरसी ने जारी की रिपोर्ट
डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) ने 'सामाजिक न्याय से संपूर्ण विकास' शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें देश में मौजूद मजबूत सामाजिक कल्याण मॉडल के मूल सार को शामिल किया गया और साथ ही इसे साबित करने के लिए चौंका देने वाले आंकड़े भी पेश किए गए। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के सामाजिक कल्याण के एक समग्र मॉडल को चित्रित करते हुए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रत्येक पहल या योजनाओं का विश्लेषण करती है। इसके अलावा, रिपोर्ट यूपीए और एनडीए शासन के बीच तुलना करती है, जिसमें सांख्यिकीय डेटा का उपयोग करके मोदी सरकार के तहत इस क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन को उजागर किया गया है।
11.66 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों के लिए स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की
डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश में सामाजिक कल्याण के परिदृश्य को बदल दिया है। 2014 से पहले, ग्रामीण स्वच्छता कवरेज केवल 38.7 प्रतिशत था। हालांकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 2019 में खुले में शौच मुक्त (व्क्थ्) स्थिति को हासिल कर एक नयी कामयाबी को लिखा। इसी तरह 2014 से पहले 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 3.23 करोड़ घरों में ही नल कनेक्शन उपलब्ध थे। इसके विपरीत 4 अप्रैल, 2023 तक 11.66 करोड़ से अधिक (60 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के दायरे में लाया गया और उनके लिए स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि आवासीय योजनाओं का मामला भी कुछ अलग नहीं था। 2014 से पहले, ग्रामीण परिवेश के लिए चलने वाली आवासीय योजना चिंता जनक रूप से धीमी गति से बढ़ रही थी। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2.25 करोड़ से अधिक घरों का निमार्ण किया हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को दिये गये हैं।
जनजातीय मंत्रालय के आवंटन में 190 प्रतिशत की वृद्धि हुई
उन्होंने कहा कि एनडीए शासन के तहत सामाजिक कल्याण से संबंधित मंत्रालयों के लिए बजटीय आवंटन में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिए आवंटन में लगभग 190 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मंत्रालय के लिए आवंटन 2013-14 में 4295.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 12461.88 करोड़ रुपये हो गया, जो 2.9 गुना वृद्धि को दर्शाता है। इसी तरह, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बजट में 1.9 गुना की वृद्धि हुई, जो 91 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है, यह 2013-14 के 6725.32 करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट में 12,847.02 करोड़ रुपये हो गया है।
2014 के बाद जनजातीय क्षेत्रों में 523 एकलव्य आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए
डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि पीपीआरसी की रिपोर्ट में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत कार्यात्मक सामाजिक कल्याण की हर योजना को भी शामिल किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के दूसरे चरण में 1,685,545 गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है और 2,45,064 गावों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधाएं हैं, जो ओडीएफ $ स्थिति को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। मिशन पोषण 2.0 के तहत देश भर में 4 लाख से अधिक पोषण वाटिकाओं का विकास किया गया है और 1.10 लाख औषधीय पौधे लगाए गए है। इस तरह बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद भारत का लिंग अनुपात 918 (2014-15) से बढ़कर 937 (2020-21) हो गया है और इसमें 19 अंकों का सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतिम चरण में 695 पंचायत भवन का निर्माण करवाया गया और 6 लाख से अधिक हितधारकों को प्रशिक्षित किया गया था। इसके अलावा, योजना के तहत 1619 पंचायत शिक्षण केंद्र बनाए गए। ऐसे ही मैला ढोने वालों के पुर्नवास एवं स्व-रोजगार योजना (एसआरएमएस) के एक भाग के रूप में, सभी 58,098 चिन्हित लोगों को 40,000 रुपये की एकमुश्त नकद सहायता का भुगतान किया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के लिए 690 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में से 523 को 2014-15 के बाद स्वीकृत किया गया है। श्री सहस्त्रबुद्धे ने पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्ष और यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलनात्मक रिपोर्ट पर पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा सिंह, प्रदेश महामंत्री एवं प्रदेश कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, विधायक रामेश्वर शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी, राजपाल सिंह सिसोदिया सुश्री नेहा बग्गा एवं जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी उपस्थित थे।


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