16 जुलाई 2023। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के छोटे से कस्बे चंदिया के प्रियांशु मिश्रा ने चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के लिफ्ट टैक से पृथ्वी और चंद्रमा की कक्षा में छोड़ने तक के तीन चरणों के प्रक्षेप पथ को डिजाइन किया। चंद्रयान-3 मिशन में प्रक्षेपण के समय वातावरण और बाइंड स्थितियों के अनुसार वाहन के स्टीयरिंग प्रोग्राम को अपडेट करने की जिम्मेदारी प्रियांशु की थी।
भारत के लिए शुक्रवार यानी 14 जुलाई का दिन ऐतिहासिक रहा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की थी। भारत विश्व में अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी तेजी से प्रगति कर रहा है। इस प्रगति में सबसे बड़ा योगदान भारत के वैज्ञानिकों का है।
युवा विज्ञानी प्रियांशु मिश्रा ने चंद्रयान-3 में निभाई है अहम भूमिका
मालूम हो कि शुक्रवार को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन में यूं तो कई वैज्ञानिकों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्हीं वैज्ञानिकों में मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के छोटे से कस्बे चंदिया के प्रियांशु मिश्रा ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट को लिफ्ट टाक्स से पृथ्वी और चंद्रमा की कक्षा में छोड़ने तक के तीनों चरण की ट्रेजेक्टरी डिजाइन की है। युवा विज्ञानी प्रियांशु मिश्रा ने जागरण नेटवर्क के साथ बात करते हुए अगले 40 दिनों की प्लानिंग भी साझा की है।
पूरी तरह से सफल होगा चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 मिशन में प्रियांशु मिश्रा ने ही एडमासफियर और बिंड कंडीशन के अनुसार लांचिग के समय व्हीकल के स्टेयरिंग प्रोग्राम को अपडेट करने की जिम्मेदारी भी संभाली है। जागरण नेटवर्क के साथ चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अगले चालीस दिनों में चंद्रयान-3 तीन चरणों को तय करेगा, जिसकी पूरी प्लानिंग उन्होंने ही की है। इस दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह से सफल होगा।
चंद्रमा की कक्षा में ऐसे स्थापित होगा उपग्रह
उन्होंने आगे बताया कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित होने तक तीन चरणों को तय करना होगा, जिसके लिए 40 दिन का समय लगेगा। फिलहाल चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में है, जिसकी सबसे कम दूरी महज 170 किमी है। इसे पृथ्वी की कक्षा की सबसे ज्यादा दूरी 36 हजार किमी पर लेकर जाना है। चंद्रमा की दूरी तीन लाख 85 हजार किमी है। जब चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में 36 हजार किमी पर पहुंच जाएगा तब इसे चंद्रमा की कक्षा में ले जाया जाएगा। तीन लाख 85 हजार किमी पर पहुंचने के बाद स्पेसक्राफ्ट का प्रपरसन सिस्टम काम करेगा और उपग्रह चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो जाएगा।
प्रियांशु के प्लानिंग पर हो रहा है काम
प्रियांशु मिश्रा ने कहा कि चंद्रमा की कक्षा में जब चंद्रयान-3 स्थापित होगा तो उसका सबसे ज्यादा ऑर्बिट 100 किमी होगा और सबसे कम 20 किमी का होगा। सौ किमी से चंद्रयान-3 को धीरे-धीरे चद्रमा की सतह पर उतारना शुरू किया जाएगा। जब दूरी सिर्फ 20 किमी रह जाएगी तब उसका टच डाउन प्लान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया चालीस दिनों में पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह सभी तीन चरण कैसे पूरे किए जाएंगे इसकी प्लानिंग उन्होंने की है और इसी पर काम हो रहा है।
कौन हैं प्रियांशु मिश्रा?
चंद्रयान-3 उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए बनाए गए लांच व्हीकल एलवीएम-3 के टीडी अनुसंधान और उसकी सफलतम लांचिंग में अहम भूमिका निभाने वाले प्रियांशु मिश्रा इसरो में साइंटिस्ट एसएफ के पद पर पदस्थ हैं और उन्होंने इस पूरे अभियान में अहम भूमिका निभाई है। उमरिया जिले के छोटे से नगर चंदिया के रहने वाले प्रियांशु मिश्रा ने भोपाल से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई की जबकि देहरादून से बीटेक और रांची से एमटेक करने के बाद वर्ष 2009 में इसरो का हिस्सा बन गए।
कई बार हो चुके हैं सम्मानित
प्रियांशु मिश्रा अपने कार्यों के लिए पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें वर्ष 2017 में यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड मिला। इसके बाद वर्ष 2022 में उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं संस्था में उन्हें ऐसी के पद से एसएफ के पद पर पदोन्नति भी मिली। प्रियांशु मिश्रा पहले भी चंद्रयान 2 मिशन लॉन्चिंग 2019, वनवेव उपग्रह लॉन्चिंग 2022, चंद्रयान 3 लॉन्चिंग 2023 का हिस्सा रह चुके हैं। भविष्य के दो मिशन में भी उनका नाम प्रस्तावित है। जिसमें आदित्य मिशन और गगनयान मिशन शामिल है।
मध्य प्रदेश के प्रियांशु की है चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका, तीनों चरण की ट्रेजेक्टरी को किया डिजाइन
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 2323
Related News
Latest News
- अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब दूरसंचार हैक का खुलासा: सीनेटर
- झारखंड और विजयपुर चुनाव परिणामों ने मप्र की राजनीति को दिया नया मोड़
- अब मीडिया के मैदान में मस्क: क्या MSNBC होगा अगला बड़ा अधिग्रहण, X पर पूछा- "इसकी कीमत क्या है?
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिसकर्मियों के साहस की सराहना, कहा- अब डंडे से नहीं, डेटा से करेगी काम पुलिस
- एक ऐसी संस्कृति जहां शादी के बाद भी महिलाएं को संबंध बनाने की होती हैं आजादी
- जियो ने जोड़े सबसे अधिक 'एक्टिव सब्सक्राइबर'- ट्राई