21 जुलाई 2023। एमपी में प्रियंका गांधी का ऐसा स्वागत पहली बार ही हुआ होगा, जब प्रियंका गांधी से मुस्कुराने का आग्रह करते पोस्टर कांग्रेस के नहीं बल्कि बीजेपी ने लगवाए हैं। खास बात ये कि पोस्टर में निवेदक के तौर पर बीजेपी दिखाई नहीं देती, लेकिन शिवराज सरकार की उपलब्धियों का बखान करते पोस्टर की इबारत... बेशक बीजेपी की ही है। जिस एमपी ने थोक के भाव मे हुए दलबदल के साथ राजनीति का नया प्रयोग देखा था, उसी एमपी में विपक्षी दल के नेता के स्वागत में भी राजनीति का ये प्रयोग एकदम नया और अनोखा है। प्रियंका गांधी जी मुस्कुराइए, आप मध्यप्रदेश में है... यहां बेरोजगारों को भत्ते का झांसा नहीं दिया जाता, यहां योजनाएं बंद नहीं बेहतर हो रही हैं, यहां अब बेटियां बोझ नहीं देवियां हैं और यहां लाड़ली बहना को एक हजार रुपए मिल रहे हैं।
प्रियंका गांधी जी , आप मुस्कुराइए , आप मध्य प्रदेश में है....
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) July 21, 2023
जहां -
-45 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियां है...
-1 करोड़ 25 लाख लाड़ली बहनो को यहां 1000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे है...
-किसानों को कर्जमाफी का झांसा देने वाली कांग्रेस के कारण डिफॉल्टर हुए किसानों की ब्याज माफी का पैसा? pic.twitter.com/FpR3CHLUMl
प्रियंका गांधी को मुस्कुराने की वजह भी बताई: ग्वालियर में प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें अलग-अलग पोस्टर में प्रियंका गांधी को मुस्कुराने की वजह भी बताई गई है। हर पोस्टर शिवराज सरकार की एक उपलब्धि का बखान करता है। मिसाल के तौर पर एक पोस्टर में कहा गया कि "प्रियंका मुस्कुराइए, आप मध्य प्रदेश में है जहां 45 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं और लाड़ली बहना को 1000 रुपए मिल रहे है।" दूसरे पोस्टर में किसानों के मुद्दे को उठाते हुए बताया गया है कि "किसानों को कर्जमाफी का झांसा नहीं, ऋण ब्याज माफी का पैसा सरकार दे रही है।" इसी तरह एक अन्य पोस्टर में बताया गया है कि "प्रियंका जी मुस्कुराइए, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा गरीबी घटी है, अब यहां विकास दर 19.76% है।"
इसके अलावा नौजवानों को लक्ष्य करके तैयार किए गए पोस्टर में कहा गया है कि "बेरोजगारी भत्ता का झांसा नहीं, बल्कि सीखो कमाओ योजना है। योजनाएं बंद नहीं बेहतर हो रही है।" इन्हीं में से एक पोस्टर में बताया गया है कि "एमपी में बिटिया बोझ नहीं देवियां हैं, लाड़ली लक्ष्मी योजना से लखपति बेटी पैदा हो रही है। साथ ही बुजुर्ग अब हवाई यात्रा से तीर्थदर्शन कर रहे हैं।"