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मध्य प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में भेड़ियों पर होगा शोध, ग्रे ब्रीड पर दो साल तक रिसर्च करेंगे वैज्ञानिक

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1900

27 जुलाई 2023। ग्रे?इंडियन वुल्फ की प्रजाति गुजरात के बाद केवल एमपी के नौरादेही के जंगलों में ही पाई जाती है. जंगल की फूड साईकिल की अहम कड़ी माने जाने वाले इंडियन वुल्फ पर अब वन अनुसंधान विभाग दो साल तक रिसर्च करेगा. जिसमें इनकी ब्रीडिंग के साथ इनकी फूड हैबिट बिहेवियर पर डिटेल स्टडी की जाएगी. इस दौरान यह भी चेक किया जाएगा कि किन देशों के परिस्थितियां इनके अनुकूल हो सकती हैं.

सागर। प्रदेश के सबसे बडे टाइगर रिजर्व का दर्जा हासिल करने की तैयारियों में जुटा नौरादेही अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का ऐसा अभ्यारण्य है, जिसकी पहले मूल पहचान भारतीय भेडियों के प्राकृतिक आवास के रूप में थी (MP Wolf State). यही वजह थी कि कूनो से पहले यहां अफ्रीकन चीते लाए जाने की योजना थी. लेकिन बाद में टाइगर रिजर्व के रूप में स्थापित करने का फैसला किया गया, जो प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा. फिलहाल नौरादेही अभ्यारण्य में इंडियन ग्रे नस्ल के भेडियों पर दो साल की रिसर्च शुरू की जा रही है. जिसमें जबलपुर स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के वैज्ञानिक शोध करेंगे. इस शोध में भेडियों की गतिविधियों, भोजन और अन्य गतिविधियों की बारीकी से जांच की जाएगी. गौरतलब है कि खाद्य श्रृंखला के मांसाहारी जीवों में भेड़िया दूसरे पायदान पर है, जो छोटे जानवरों का शिकार करता है. मध्यप्रदेश में नौरादेही अभ्यारण्य ऐसी जगह है, जहां सबसे ज्यादा भारतीय भेड़िया पाए जाते हैं, इसलिए ये शोध यहीं शुरू किया जा रहा है.

मध्यप्रदेश को हासिल है वुल्फ स्टेट का दर्जा: आमतौर पर लोग जानते हैं कि मध्यप्रदेश की पहचान एक टाइगर स्टेट के रूप में है. लेकिन टाइगर स्टेट के अलावा मध्यप्रदेश को वुल्फ स्टेट के तौर पर भी जाना जाता है. दरअसल देश में सबसे ज्यादा वुल्फ मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं और मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा नौरादेही अभ्यारण्य में पाए जाते हैं. इसके अलावा राजस्थान और गुजरात में भी काफी संख्या में भेड़िये पाए जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, नौरादेही अभ्यारण्य में हजार के करीब वुल्फ होंगे. मध्यप्रदेश के नौरादेही के अलावा गुजरात के भावनगर स्थित बेला वढ़ार अभ्यारण्य में भी भेड़िये पाए जाते हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी भारतीय भेड़िये पाये जाते हैं. अन्य जगहों पर भी भारतीय ग्रे नस्ल के भेड़िये पाए जाते हैं, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है.

सरकार ने स्वीकृत किया भेडियों पर शोध का प्रस्ताव: दरअसल नौरादेही के इंडियन ग्रे वुल्फ पर शोध का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया था, जिसको हाल ही में स्वीकृति मिल गयी है. इस प्रस्ताव के तहत जबलपुर में स्थित राज्य वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक करेंगे. रिसर्च के लिहाज से नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य काफी अच्छा माना गया है, क्योंकि यहां पर इनकी संख्या काफी ज्यादा है. राज्य वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक दो साल तक इंडियन ग्रे वुल्फ के रहवास, भोजन, शिकार, प्रजनन और उनकी बसाहट के साथ उनके व्यवहार पर शोध करेंगे. इसके अलावा जंगल में मौजूद जानवरों के साथ उनके संबंध और व्यवहार पर भी शोध किया जाएगा. नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य के डीएफओ डॉ एए अंसारी ने बताया कि जल्द ही यह रिसर्च शुरू की जाएगी.


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