10 अगस्त 2023। मध्य प्रदेश के लोगों को अब भूमिगत जल में मिले यूरेनियम सें खतरा उत्पन्न हो गया है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने प्रदेश के सोलह जिलों के भूमिगत जल में यूरेनियम निर्धारित मात्रा से ज्यादा पाया है। यूरेनियम मिले हुये पानी को पीने से लोगों की किडनी, लीवर खराब होने एवं कैंसर होने की बात कही जा रही है परन्तु केंद्रीय भूजल बोर्ड का कहना है कि भूजल में यूरेनियम प्रदूषण की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुये आगामी वर्षों में गहन एवं व्यवस्थित अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है और मप्र के भूजल में यूरेनियम से प्रदूषण के सन्दर्भ में अंतिम निष्कर्ष गहन एवं व्यवस्थित अध्ययन पूर्ण होने के बाद ही लिया जायेगा।
विश्व स्वास्थ्स संगठन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय नियमाक एजेन्सियों ने पीने के पानी में यूरेनियम के लिये 30 माइक्रोग्राम प्रति लीटर का मानक निर्धारित किया है जबकि भारत मानक ब्यूरो द्वारा तैयार किये गये भारत के राष्ट्रीय पेयजल मानकों में यूरेनियम शामिल नहीं है। राज्य का प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी भू जल में यूरेनियम का परीक्षण नहीं करता है।
दस जिलों में पाया गया अधिक यूरेनियम :
केंद्रीय भूल बोर्ड ने परीक्षण में मप्र के दस जिलों में भूमिगत जल में निर्धारित मात्रा से अधिक यूरेनियम पाया है। इनमें बालाघाट जिले के कटंगी ब्लाक के कटेधरा में 30.711 माइक्रोग्राम, बैतूल जिले के ब्लाक बैतूल के बैतूल में 108.134 एवं खेडी में 39.402 माइक्रोग्राम, छतरपुर जिले के बिजावर ब्लाक में गुलगंज में 47.453 एवं छतरपुर ब्लाक के कुर्री में 39.870 माइक्रोग्राम, दतिया जिले के ब्लाक भाण्डेर के भाण्डेर स्थल पर 32.870, ब्लाक दतिया के दतिया में 96.716 एवं ब्लाक दतिया के इमलिया स्थान पर 51.902 माइक्रोग्राम, ग्वालियर जिले के ब्लाक घाटीगांव के स्थल घाटीगांव में 233.910 एवं डबरा ब्लाक के स्थल टेकनपुर में 58.497 माइक्रोग्राम, झाबुआ जिले के ब्लाक थांदला के स्थल थांदला में 75.001 माइक्रोग्राम, पन्ना जिले के ब्लाक शाहनगर के स्थल कौनखेड़ा में 37.081 माइक्रोग्राम, रायसेन जिले के औबेदुल्लगंज ब्लाक के स्थल मेंडवा में 51.323 माइक्रोग्राम, सिवनी जिले के ब्लाक केवलारी में स्थल धांगडा में 203.303 एवं ब्लाक कुरई के स्थल खवासा में 61.394 माइक्रोग्राम तथा शिवपुरी जिले के ब्लाक पिछोर के स्थल डोला में 79.072 माइक्रोग्राम यूरेनियम पाया गया है।
चीता सहित अन्य वन्यजीव भी प्रभावित होंगे :
भूमिगत जल में यूरेनियम की अधिक मात्रा पाये जाने पर वन्यजीव भी प्रभावित होंगे। मध्यभारत क्षेत्र में, जिसमें केंद्रीय भू जल बोर्ड ने भूमिगत जल का परीक्षण किया है, पालपूर कूनो भी है जहां चीते बसाये गये हैं तथा इनकी मौत का सिलसिला जारी है।
- डॉ. नवीन जोशी
प्रदेश के लोगों को अब भूमिगत जल में मिले यूरेनियम से खतरा
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 524
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