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भ्रष्टाचार में पति का साथ देने वाली महिलाओं को भी जेल भेजा जाएगा

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 917

18 अगस्त 2023। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों की पत्नियों को भी जेल भेजा जाएगा। यह जानकारी जिला कलेक्टर ने दी है। कलेक्टर ने बताया कि छिंदवाड़ा विकासखंड के शिक्षा अधिकारी ने बाबुओं के साथ मिलकर पहले 65 लाख रुपये का गबन किया था। उसके बाद 43 लाख रुपये का गबन सामने आया है। कलेक्टर ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी है।

कलेक्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों की पत्नियों को भी जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और इस तरह के मामलों की शिकायत करें।

छिंदवाड़ा में भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। लोग भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

भ्रष्टाचार के गोरखधंधे में पत्नियों को भी किया शामिल जाएंगी जेल ! : शिक्षा विभाग के बाबू ने भ्रष्टाचार के गोरखधंधे में अपनी पत्नियों को भी शामिल कर लिया है। शिक्षा विभाग के जो कर्मचारी रिटायर हो जाते हैं, या फिर कई लोगों की नौकरी में रहते हुए मौत हो जाती है। ऐसे लोगों के परिजनों को मिलने वाले पैसे को अधिकारियों की मिलीभगत से बाबू अपनी पत्नियों के खाते में ट्रांसफर कराते थे। मामला जब उजागर हुआ तो बाबू की पत्नी पर भी FIR दर्ज की जा रही है। छिंदवाड़ा विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में हुए 65 लाख के गबन के मामले में अनिल कुमार कुड़ोपा, सहायक ग्रेड-2, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाडा की पत्नी अंजु कुड़ोपा पर मामला दर्ज हो चुका है, तो वहीं तामिया घोटाले के मास्टर माइंड हरिप्रसाद पंद्रे की पत्नी रहमा पन्द्रे पर भी FIR दर्ज करने कलेक्टर ने आदेश दिया है।

43 लाख के घोटाले में इन लोगों पर हुआ मामला दर्ज: तामिया बीईओ कार्यालय में हुए 43 लाख के फर्जीवाड़े में कलेक्टर मनोज पुष्प ने एफआईआर के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। इस प्रकरण में वर्तमान व पूर्व बीईओ, एक रिटायर्ड कर्मचारी और दो बाबूओं के अलावा घोटाले के मास्टर माइंड हरिप्रसाद पंद्रे की पत्नी पर भी FIR दर्ज कराई जाएगी। वहीं सभी आरोपियों से पूरे 43 लाख रुपए की रिकवरी होगी। शिक्षा विभाग की तरह जनजातीय कार्य विभाग के तामिया विकासखंड में भी 43 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी। कोषालय अधिकारियों द्वारा ये वित्तीय अनियमितता पकड़ने के बाद पांच सदस्यीय दल का गठन प्रकरण में किया गया था।

इस मामले में सात लोग दोषी पाए गए, लेकिन इनमें से एक बीईओ की मृत्यु हो जाने पर छह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा। एजुकेशन की तरह ट्राइबल में भी कर्मचारियों ने सरकारी राशि निजी खातों में डाल ली थी। गिनती के बाद कोषालय अफसरों ने 43 लाख रुपए की गड़बड़ी उजागर की है। इनमें मुख्य आरोपी हरिप्रसाद पंद्रे जिसे पूर्व में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा आरोपी की पत्नी रहमा पंद्रे, पूर्व बीईओ तामिया आनंद धुर्वे, वर्तमान में बीईओ दिनेश शुक्ला, रिटायर्ड सहायक ग्रेड 3 हेमराज युवनाती, सहायक ग्रेड सुरेश कुमार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी।






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