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मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना ने 60,000 युवाओं को नौकरी दी और 3,500 से अधिक स्टार्टअप को बढ़ावा दिया

Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 488

22 अगस्त 2023। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरखेड़ा, भेल में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत ऑन जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ किया। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उद्योगपति तथा बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना एक ऐतिहासिक योजना है। यह योजना युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में काम करने का अवसर मिलेगा और वे अपने कौशल का विकास कर सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना के तहत युवाओं को प्रति माह स्टाइपेंड भी मिलेगा, जो उन्हें अपने खर्चों को पूरा करने में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने युवाओं से इस योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में काम करने का अवसर मिलेगा। वे अपने कौशल का विकास कर सकेंगे और उन्हें प्रति माह स्टाइपेंड भी मिलेगा। यह योजना युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है और यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी।

सीखो कमाओ- अब तक
प्रशिक्षण कंपनियों का पंजीकरण 7 जून 2023 से शुरू हुआ।
अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
अब तक 70,386 पद प्रकाशित हुए हैं।
युवाओं का पंजीकरण 4 जुलाई 2023 से शुरू हुआ।
अब तक 8,71,330 युवा पंजीकृत हो चुके हैं।
अब तक 15,92 अनुबंध बनाए गए हैं।
46 क्षेत्रों में 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सीखो-कमाओ योजना- त्रिवेणी से पूरे होंगे 3 बड़े उद्देश्य:
इस योजना के माध्यम से प्रदेश का युवाबल, उद्योगजगत और सरकार की त्रिवेणी एक साथ आ रही है।
युवा बल के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।
उद्योगों को कुशल कामगार मिलेंगे।
प्रदेश को प्रगति की तेज रफ्तार मिलेगी।

युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार
सीखो कमाओ एक 'लर्न एंड अर्न' कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।
छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।

प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान अपने खर्च उठा सकें:
12वीं उत्तीर्ण को रु. 8,000
आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8,500
डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9,000
स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु. 10,000

ट्रेनिंग की फीस जुटाने के लिए उन्हें अपने माता-पिता पर बोझ नहीं डालना होगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद छात्रों को नौकरी पाने में आसानी होगी, क्योंकि उनके पास पहले से ही नौकरी के लिए आवश्यक कौशल और अनुभव होगा।

अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ
उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण।
व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड।
मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन।
नियमित रोजगार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।

उद्योगों को मिलेंगे कुशल कामगार
इस योजना के माध्यम से उद्योगों को अपनी जरूरत के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का अवसर मिलेगा।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिष्ठान छात्रों की परख करके, तथा प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने संस्थान में नौकरी दे सकेंगे।
इस प्रकार उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव प्राप्त होगा।
एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह 75% स्टाइपेंड की बचत होगी।
एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम रु. 9,000/- तक की बचत होगी।
छात्र-अभ्यर्थी पर एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट नहीं होगा लागू।




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