24 अगस्त 2023। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म खाद्य उद्यमों की 1,772 इकाइयों को स्वीकृति दी गई है। इन इकाइयों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इनमें सबसे अधिक 116 इकाइयां ग्वालियर में, 100 इकाइयां खरगौन में, 47 इकाइयां रीवा में, 23 इकाइयां बालाघाट में, 27 इकाइयां टीकमगढ़ में और 22 इकाइयां होशंगाबाद में स्थापित की जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि योजना में 10,664 उद्यमियों ने ऋण के लिए आवेदन किया था। परीक्षण के बाद 1,772 को ऋण देने योग्य पाया गया। बाकी आवेदनों पर विभिन्न स्तरों पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा उद्यमियों से आगे बढ़कर इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया है।
खाद्य प्र-संस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार की भागीदारी के साथ सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार में सहायता देने के लिए प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को कौशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने, गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण करने, इच्छुक लोगों को बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने में मदद करने, पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता प्रदान की जाती है।
व्यक्तिगत रूप से स्थापित होने वाले उद्यम 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपये तक की हो सकती है। लाभार्थी का योगदान 10 प्रतिशत होना चाहिए। बाकी राशि बैंक ऋण होगी। स्व-सहायता समूहों को वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है। एक जिला-एक उत्पाद में चुने जाने वाले उत्पादों पर आधारित इकाइयों को प्राथमिकता मिलेगी।
बैतूल का उल्लेख
केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म खाद्य इकाइयों की सूची तैयार की है। इसमें मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के जमुना स्व-सहायता समूह की सफलता का उल्लेख है। इस समूह के सदस्यों को खादय प्रसंस्करण में प्रशिक्षण मिला। समूह ने आम का अचार बनाना शुरू किया। स्थानीय बाजार में बेचना शुरू किया। इससे समूह को हर महीने 1,000 रुपये की आय होने लगी। समूह के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ता गया। आम का अचार बनाने के काम से आगे बढ़ते हुए उन्होंने प्राकृतिक कीटनाशक तैयार करना शुरू कर दिया। इसमें नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क और जीवनामृत मुख्य कीटनाशक उत्पाद हैं। इससे समूह की आय 5 से 10 हजार रुपये तक बढ़ी।
दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने समूह सदस्य लक्ष्मी परते को उत्कृष्ट महिला सम्मान दिया था। अन्य सदस्य श्रीमती ममता धुर्वे को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-किसान विज्ञान केन्द्र बैतूल ने वर्ष 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ महिला कृषक का सम्मान दिया था।
मध्यप्रदेश में सूक्ष्म खाद्य उद्यमों की 1,772 इकाइयों को स्वीकृति
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 491
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