1 सितंबर 2023। एक नये अध्ययन से पता चला है कि नई दिल्ली के निवासी वायु प्रदूषण के कारण औसतन 12 साल की अपनी जिंदगी खो रहे हैं। पत्रिका नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि नई दिल्ली में हवा की गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशानिर्देशों से 25 गुना अधिक है।
अध्ययन के लेखकों ने नई दिल्ली में वायु प्रदूषण में वृद्धि को यातायात, औद्योगिक उत्सर्जन और फसल जलने जैसी कई कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि प्रदूषण से नागरिकों के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं, हृदय रोग और कैंसर हो सकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के कुछ ही दिनों बाद सामने आए हैं, जिसमें पाया गया है कि वायु प्रदूषण अब दुनिया में पर्यावरणीय आपदा का प्रमुख कारण है। रिपोर्ट में पाया गया है कि वायु प्रदूषण हर साल 7 मिलियन लोगों की जान लेता है, और इनमें से अधिकांश मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
नई दिल्ली में अध्ययन के निष्कर्ष विशेष रूप से खतरनाक हैं, अध्ययन के लेखकों का कहना है, जो शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने कई उपाय सुझाए हैं, जैसे:
वाहन उत्सर्जन मानकों को मजबूत करना
सार्वजनिक परिवहन में निवेश करना
नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना
औद्योगिक उत्सर्जन में कमी
वायु प्रदूषण के सामाजिक खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
अध्ययन के लेखकों का कहना है कि अगर भारतीय सरकार इस कदम को उठाती है, तो यह आने वाले वर्षों में लाखों लोगों की असामयिक मौतों को रोक सकती है।
अध्ययन के निष्कर्षों ने पर्यावरण समूहों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से प्रतिक्रिया की है। दिल्ली में एक पर्यावरण संगठन, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने अपने निष्कर्ष साझा किए हैं।
नई दिल्ली के निवासी वायु प्रदूषण के कारण औसतन 12 साल की जिंदगी गंवा रहे हैं
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1551
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