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गोंड पेंटिंग ने विश्व भर के कला पारखियों का ध्यान आकर्षित किया है

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Place: भोपाल                                                👤By: DD                                                                Views: 1215

1 सितंबर 2023। मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग ने दुनिया भर के कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला दा सिल्वा को एक सुंदर गोंड पेंटिंग उपहार में दी। यह पेंटिंग ब्राजील के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास की शोभा बढ़ाएगी।

गोंड पेंटिंग को अपनी विशिष्ट शैली और अनूठी डिज़ाइन के लिए जी आई टैग मिला है। यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार है।

गोंड जनजाति के कलाकार पीढ़ियों से इस कला को संजो रहे हैं। पद्मश्री पुरस्कार विजेता भज्जू श्याम इस गोंड चित्रकला के प्रमुख चित्रकार हैं। वे एक समय जबलपुर में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते थे। प्रधानमंत्री के शहडोल दौरे के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें एक खूबसूरत गोंड पेंटिंग भेंट की थी।

गोंड पेंटिंग एक अप्रतिम कला रूप है जो समय के साथ मानव के प्रकृति के साथ जुड़ाव को प्रदर्शित करता है। गोंड जनजाति के कलाकार अपनी लोक कथाओं, संस्कृति और पारंपरिक कहानियों पर आधारित चित्र बनाते हैं। इन चित्रों में खुशियों, रीति-रिवाजों और मनुष्य के प्रकृति के साथ संबंध का चित्रण होता है।

कलाकारों का मानना है कि अच्छी छवियों से रूबरू होने वाले व्यक्ति के साथ अच्छाई साथ होती है। वे मानते हैं कि भाग्य उनके होता जो अच्छी छवियाँ देखते हैं। इसलिए समुदाय के हित के लिए प्रकृति की खूबसूरती आसपास रहना जरूरी है।

गोंड चित्रकला प्रकृति पूजा के साथ सुरक्षा प्राप्त करने और बुराईयों को दूर भगाने का भी माध्यम है। वे अपने घरों को और आंगन को पारंपरिक टैटू और मोट‍िफ से सजाते हैं। मौसम के बदलाव से जुड़े त्यौहार या रिवाजों के दौरान या परिवार में महत्वपूर्ण अवसर पर जैसे जन्म, विवाह पर चित्र बदलते जाते हैं।

गोंड चित्रकला के प्रमुख विषयों में मोर, पक्षी, केकड़े, काल्पनिक जानवर, छिपकलियाँ, बाघ, हिरण, सांप, जंगली सूअर, गाय, बंदर, हाथी, घोड़ा और मछली शामिल हैं। इसके अलावा पौराणिक कथाएँ, भगवान शिव, भगवान कृष्ण, भगवान गणेश भी विशेष रूप से चित्रित किये जाते हैं। स्थानीय देवियों में फुलवारी देवी, जहरीन देवी, मरही देवी भी विशेष रूप से नजर आती हैं। इन सबके साथ गोंड चित्रकला का मुख्य विषय प्रकृति चित्रण है।

गोंड चित्रकला की शैली अत्यंत विशिष्ट है। छवियों को भरने के लिए एक डिज़ाइन को बार-बार दोहराया जाता है। प्रत्येक कलाकार अपनी स्वयं की शैली विकसित कर लेता है। इस प्रकार अपनी स्वयं की विकसित शैली को "सिग्नेचर पैटर्न" कहा जाता है। ब्रश की जगह टहनियों, कॉटन बाल का उपयोग किया जाता है।

गोंड पेंटिंग मध्य प्रदेश की कला और संस्कृति का एक अनमोल खजाना है। यह कला दुनिया भर के कला प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।


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