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हैवी ड्रॉप सिस्टम सफल...

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2184

डीआरडीओ द्वारा निर्मित "टाइप V हैवी ड्रॉप सिस्टम", दुर्गम स्थानों पर पैराशूट के जरिए 20 टन तक सामान ले जाने में सक्षम

मोहाली, पंजाब, भारत
भारतीय वायु सेना ने हाल ही में कार्गो विमान से "टाइप V हैवी ड्रॉप सिस्टम" का सफल परीक्षण किया। इसकी मदद से युद्ध के मैदान में या दुर्गम स्थानों पर 20 टन तक वजन के साजो-सामान (सैन्य सामान या गोला बारूद) को पैराशूट के जरिए आसानी से पहुँचाया जा सकेगा। 100 फीसदी स्वदेशी संसाधनों से निर्मित होने के कारण, भारतीय सशस्त्र बलों ने इसे "मेक इन इंडिया" के तहत बड़ी सफलता घोषित किया है। अधिकारियों ने बताया कि "टाइप V हैवी ड्रॉप सिस्टम" को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला में डिजाइन किया गया है। इस तकनीक का परीक्षण संयुक्त रूप से एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (डीआरडीओ), भारतीय सशस्त्र बल उपयोगकर्ता और एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (जेसीबीएल की डिफेंस डिविजन) की मदद से पूरा किया गया।

"टाइप V हैवी ड्रॉप सिस्टम" का उपयोग C -17, C -130 एवं अन्य C -सीरीज विमानों के लिए किया जा सकेगा। इसमें एक प्लेटफार्म और विशेष मल्टीस्टेज पैराशूट सिस्टम है इसमें आठ मुख्य कैनोपी, तीन एक्सट्रैक्टर पैराशूट, एक डरोगे पैराशूट, इलेक्ट्रिकल, एल्क्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल सिस्टम एवं लैचिंग एक्सेसरीज शामिल हैं। इस सिस्टम का प्लेटफार्म एक विशेष अल्युमिनियम धातु से बना है।

एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राज कुमार पांडे ने बताया कि एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट और भारतीय सशस्त्र बल उपयोगकर्ताओं के सहयोग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' विज़न के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जम्मू में 'नॉर्थटेक सिम्पोज़ियम' में एडीएसएल की सक्रिय भागीदारी, रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

"टाइप V हैवी ड्रॉप सिस्टम" को सेना में शामिल करने के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। इसका निर्माण एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (जेसीबीएल की डिफेंस डिविजन) द्वारा किया जा रहा है। सशस्त्र बलों की जरूरतों के लिए ऐसी प्रणालियों के विकास के लिए एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (जेसीबीएल की डिफेंस डिविजन) सन 2018 से डीआरडीओ की आगरा स्थित प्रयोगशाला एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट के साथ रिसर्च & डेवलपमेंट की गतिविधिओं में शामिल है। एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (जेसीबीएल की डिफेंस डिविजन) मेक इन इंडिया के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूत करने के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण प्रकृति की ऐसी विकास गतिविधियों को करने के लिए तैयार है।

एयरबोर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (जेसीबीएल की डिफेंस डिवीजन) ने मेक इन इंडिया के तहत आईआईटी जम्मू में नॉर्थ टेक सिम्पोजियम 2023 में इस सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए, इस अवसर के लिए एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, आगरा (डीआरडीओ) का धन्यवाद किया।

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