40 साल बाद फिर इतिहास रचेगा भारत: भारतीय वायुसेना के शुभांशु शुक्ला मई में जाएंगे अंतरिक्ष

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 72

22 अप्रैल 2025। भारत एक बार फिर अंतरिक्ष इतिहास रचने को तैयार है। 40 वर्षों बाद, एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेगा। यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के माध्यम से पूरी होगी, जो मई 2025 में एक्सिओम-4 मिशन के तहत ISS की ओर रवाना होंगे।

शुक्ला, स्पेसएक्स के ड्रैगन यान में सवार होकर नासा और Axiom Space की साझेदारी में उड़ान भरेंगे। वो भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।

🌍 1984 के बाद पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री
1984 में राकेश शर्मा सोवियत संघ के साथ मिलकर अंतरिक्ष गए थे। अब, शुभांशु शुक्ला ISS जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे और चार दशकों में अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय।

🚀 एक्सिओम मिशन क्यों है अहम?
Axiom-4 मिशन से भारत को मिलेगा:
अंतरिक्ष उड़ान संचालन का अनुभव
माइक्रोग्रैविटी में रहने का प्रशिक्षण
आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया की समझ

मानव मिशनों की व्यवहारिक तैयारी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत अपने अगले अंतरिक्ष मील के पत्थर की ओर अग्रसर है। गगनयान जैसे मिशनों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से भारत वैश्विक स्पेस लीडर बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।”

🚀 गगनयान मिशन की तैयारी भी तेज़
ISRO ने हाल ही में गगनयान को लेकर कई सफल परीक्षण किए:
मानव रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) का निर्माण शुरू
जनवरी में मानव रहित डॉकिंग परीक्षण सफल
आने वाले महीनों में टेस्ट व्हीकल-D2 मिशन
समुद्री रिकवरी अभ्यास भी शामिल रहेगा

🛰️ ISRO के आगामी मिशन:
PSLV-C61: EOS-09 सैटेलाइट (C-बैंड रडार) के साथ
GSLV-F16: NISAR (NASA-ISRO सैटेलाइट) लॉन्च
LVM-3 रॉकेट से जुलाई में AST स्पेसमोबाइल के उपग्रह

भारत न केवल अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में मजबूत क़दम बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्पेस टेक्नोलॉजी में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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