7 अप्रैल 2019। मध्य प्रदेश की ऐसी सीटें जहां वर्ष 2014 में बसपा-सपा ने कांग्रेस का खेल बिगाडा़ था. कांग्रेस को इन पांच सीटों पर जीतने के लिए पहले तीसरे मोर्च की इन पार्टियों को पछाड़ना होगा.
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए रविवार को पहली बार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) एक साथ यूपी के सहारनपुर में पहली चुनावी सभा कर रहे हैं. अगर बात मध्य प्रदेश की करें तो लोकसभा चुनाव के लिए यहां भी सपा-बसपा ने गठबंधन किया है. जिससे कांग्रेस को प्रदेश में भाजपा से पहले बसपा और सपा से टकराना होगा. पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि एमपी की ऐसी पांच सीटें हैं जहां 2014 में बसपा-सपा ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा था. कांग्रेस इन पांच सीटों पर जीतने के लिए पहले तीसरे मोर्च की इन पार्टियों को पछाड़ना होगा.
लोकसभा चुनाव 2019 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस अब फ्रंट फुट पर आ गई हैं. तीसरे मोर्चे पर दोनों ही पार्टियों का ध्यान कम ही है, लेकिन 2014 लोकसभा के आंकड़ों से साफ है कि 1991 के बाद बीजेपी ने जहां मैदानी पकड़ मजबूत की तो कांग्रेस के लिए कई सीटों पर बसपा सपा ने ही गणित बिगाड़ा है. कई सीटों पर हाल ये हैं की कांग्रेस या तो बसपा-सपा के बाद तीसरे नंबर पर है तो कहीं हार के अंतर से ज्यादा वोट तीसरे मोर्चे की पार्टियों को मिले हैं.
1) मुरैना लोकसभा सीट- तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस
- बीजेपी के अनूप मिश्रा 43% वोट से जीते दूसरे नंबर पर बसपा को मिले 28.4 प्रतिशत वोट
- कांग्रेस से डॉ गोविंद सिंह को मिले महज 21.57 प्रतिशत वोट
- इस बार मुरैना सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उतारा है वहीं बसपा ने राम लखन कुशवाहा को टिकट दिया है, कांग्रेस का नाम आना बाकी है
2) रीवा लोकसभा सीट- बसपा ने बिगाड़ा कांग्रेस का गणित
- बीजेपी के जनार्दन को मिले 46.18% वोट, कांग्रेस को 25.85% तो बसपा को 21.15 %
- भाजपा ने सीटिंग एमपी जनार्दन मिश्रा तो बसपा ने विकास पटेल को दिया टिकट, कांग्रेस में सुंदर लाल तिवारी के बेटे को टिकट की उम्मीद
3) बालाघाट-कांग्रेस के हार के अंतर से ज्यादा वोट गए सपा के खाते में
-2014 में 96041 वोट से हारी कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे, वहीं सपा के खाते में गए 99392 वोट
- समीकरण बदलने के बाद बीजेपी ने बदला प्रत्याशी, बोध सिंह का टिकट काट ढाल सिंह बिसेन बने प्रत्याशी, कांग्रेस ने पूर्व विधायक मधु भगत को मैदान में उतारा
4) सतना महज 8 हजार के अंतर से हारी कांग्रेस बसपा ले गयी 1 लाख से ज्यादा वोट
- 41.08% वोट बीजेपी को तो 40.13% वोट मिले कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह को
- 13.64 % वोट लेकर बसपा ने बिगाड़ा कांग्रेस का गणित
- बसपा से इस बार अच्छे लाल कुशवाहा मैदान में, बीजेपी ने फिर गणेश सिंह को उतारा, कांग्रेस के नाम का ऐलान बाकी
5)ग्वालियर में भी बसपा ने बिगाड़ा था कांग्रेस का गणित
- 2014 लोकसभा में कांग्रेस के अशोक सिंह को 29700 वोट के अंतर से मिली थी
- जबकि बसपा प्रत्याशी को मिले थे 6.88 % वोट
हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सपा -बसपा कोई चुनौती नहीं है. विधानसभा में इसका असर दिखा है. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ मतलब की बात करती है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा.
अब पार्टियां स्वीकारें या न, लेकिन सच ये है कि यूपी से लगे इलाकों में सपा-बसपा अपना असर दिखाती हैं. 2009 की बात करें तो बसपा एक लोकसभा सीट जीती थी. 1996 में दो तो 1991 में भी एक सीट पर बसपा का कब्जा रहा है लेकिन इस क्षेत्र में आने वाले आधा दर्जन सीटों पर दोनों पार्टियों का प्रभाव है. अब देखना होगा बड़ी पार्टियां 2019 के महाभारत में इनके प्रभाव से कैसे बच पाती हैं.
लोकसभा चुनाव 2019: MP की इन सीटों पर सपा-बसपा ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन
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Bhopal 👤By: DD Views: 7578
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