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थर्मल पावर की "फ्लाई एश" निर्माण में उपयोग होगी

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 867

लोक निर्माण विभाग ने जारी किए नए निर्देश
4 नवंबर 2019। राज्य सरकार ने थर्मल पावर स्टेशनों की 300 किलोमीटर की परिधि में होने वाले सरकारी निर्माण कार्यों में फ्लाई एश का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं को नये सिरे से निर्देश जारी किये गये हैं।

निर्देशों में बताया गया है कि मार्गों के इम्बेंकमेंट में फ्लाई एश का कार्य आईआरसी स्पेशल पब्लिकेशन 58-2001 के अनुसार किया जाये। ऐसे मार्गों के निर्माण तथा आरओबी के कार्य जिसमें इम्बेंकमेंट की ऊंचाई 3 मीटर से अधिक हो, में फ्लाई एश का उपयोग अनिवार्य रुप से किया जाये। यहां पर स्पष्ट किया जाता है कि जिसमें आरई वाल का निर्माण किया जाना है उसमें फ्लाई एश का उपयोग न किया जाये। सभी सिविल निर्माण कार्यों यथा भवन, सडक़, फ्लाय ओवर एम्बेंकमेंट आदि में तथा निर्माण उत्पादों यथा ईंट, ब्लाक, टाईल्स, सीमेंट-कांक्रीट आदि में फ्लाई एश का उपयोग अनिवार्य है। रिजिड पेवमेंट में बेस/डीएलसी कार्य में निर्धारित मापदण्डों का ध्यान रखते हुये फ्लाई एश का उपयोग किया जाये। कार्यों में लो लाईंग एरिया बॉरो पिट का भराव टॉप सॉयल के स्थान पर फ्लाई एश के उपयोग से किया जाना अनिवार्य है। ताप विद्युत गृह तथा ठकेदार के मध्य फ्लाई एश/फ्लाई ऐश उत्पादों का अनुबंध निष्पादित किया जाना आवश्यक है। ठेकेदार को फ्लाई एश उपयोग के संबंध में प्रतिवर्ष वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

ज्ञातव्य है कि इससे पहले राज्य सरकार ने 9 अगस्त 2016 को मार्ग निर्माण में फ्लाई एश का उपयोग अनिवार्य किया था। इसके बाद भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा के कहने पर 31 मई 2019 को राज्य सरकार ने फ्लाई एश के उपयोग के संबंध में आदेश जारी किये थे और अब फ्लाई एश के अनिवार्य उपयोग के बारे में विस्तृत निर्देश जारी किये हैं।




(डॉ. नवीन जोशी)

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