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कास्ट कटिंग का अभियान,सरकारी उपक्रम बन्द होंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 882

महालेखाकार की आपत्ति से शुरू हुई समीक्षा
कमलनाथ सरकार ने की टेढ़ी नज़र

12 नवंबर 2019। प्रदेश में संचालित हो रहे 54 ऐसे सरकारी उपक्रम (निगम-मंडल) जो अपने लेखे समय से तैयार नहीं कर रहे हैं और जिनके संबंध में भारत सरकार के महालेखाकार ने भी आपत्ति ली है, उनकी अब समीक्षा प्रारंभ हो गई है। इन उपक्रमों को कास्ट कटिंग हेतु बंद भी किया जा सकेगा। राज्य की कमलनाथ सरकार ने सफेद हाथी बने इन उपक्रमों पर अपनी नजर टेड़ी की है और इनकी विधिवत समीक्षा का अभियान प्रारंभ कर दिया है।
उक्त सभी 54 उपक्रमों की समीक्षा वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ 4 नवम्बर से प्रारंभ हो गई है जो 13 नवम्बर तक चलेगी। समीक्षा के बाद वित्त विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा जो शासन स्तर पर भेजी जायेगी जहां इन उपक्रमों को भविष्य में निरन्तर रखने या न रखने का भी निर्णय होगा।
स्वयं उपक्रमों को बताना होगा उन्हें बंद करने के बारे में :
समीक्षा बैठक में संबंधित उपक्रम के अधिकारियों एवं जिस विभाग के अंतर्गत ये उपक्रम आते हैं, उसके उप सचिव स्तर के अधिकारी को बताना होगा कि जनहित की दृष्टि से उपक्रम की गतिविधियों को निरन्तर रखे जाने की प्रसांगिकता क्या है और इस संबंध में टिप्पणी भी देनी होगी।
महालेखाकार ने की है वित्तीय सहायता न देने की अनुशंसा :
यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के महालेखाकर ने समय से वित्तीय लेखे तैयार न करने वाले प्रदेश के उपक्रमों की वित्तीय सहायता रोकने की राज्य सरकार से अनुशंसा की है। इस संबंध में महालेखाकार ने कंपनी अधिनियम 2013 का प्रावधान भी बताया है कि वित्तीय वर्ष के लेखे अगले वर्ष के सितम्बर माह तक अंतिम किया जाना आवश्यक है अन्यथा कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड इन उपक्रमों के अधिकारियों के विरुध्द वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है।
वित्त विभाग के चार अधिकारी कर रहे हैं समीक्षा :
राज्य शासन ने 54 सार्वजनिक उपक्रमों की समीक्षा का काम वित्त विभाग के उप सचिव स्तर के चार अधिकारियों को सौंपा है। इनमें शामिल हैं : अजय चौबे, ओपी गुप्ता, शक्तिशरण तथा रुपेश पठवार।
समीक्षा बैठक में उपक्रम के वित्तीय सलाहकार, उपक्रम में वित्त का कार्य देखने वाला अधिकारी, उपक्रम का चार्टर्ड एकाउन्टेंट या कंपनी सेके्रटरी तथा जिस विभाग के अंतर्गत उपक्रम आता है उसका उप सचिव स्तर का अधिकारी अनिवार्य रुप से आ रहा है।



- डॉ. नवीन जोशी

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