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प्रदेश के जजों पर नकेल....

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1069

58 साल में भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकेगी

23 दिसंबर 2019। प्रदेश के उच्चतर न्यायिक सेवा के जजों पर राज्य सरकार ने एक और नकेल डाल दी है। अब यदि उनका न्यायिक इतिहास ठीक नहीं है तो उन्हें 58 साल की उम्र में भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकेगी।
इस संबंध में राज्य सरकार ने मप्र हायर जुडिशियरी सर्विस रुल्स रिक्रूटमेंट एण्ड कन्डीशन्स आफ सर्विस रुल्स 2017 में बदलाव कर दिया है। हायर जुडिशियल सर्विस के जज 60 वर्ष में रिटायर होते हैं लेकिन यदि उनका न्यायिक इतिहास ठीक नहीं तो उन्हें 58 साल में कम्पलसरी रिटायर रिटायरमेंट दिया जा सकेगा। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अन्य विभागों में बीस या 50 साल की सेवा के बाद उनकी सेवा की स्क्रूटनी कर उन्हें सेवा के अयोग्य पाये जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने का प्रावधान है। उच्चतर न्यायिक सेवा के नियमों में भी ऐसा अलग से प्रावधान है लेकिन इसमें 10 वर्ष या 50 साल की सेवा के बाद स्कू्रटनी करने एवं सेवा के अयोग्य पाये जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का भी प्रावधान है। यानि उच्चतर न्यायिक सेवा के लोगों की सेवा की दस वर्ष, 50 वर्ष एवं अब 58 साल की सेवा करने के बाद भी स्क्रूटनी होगी और उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकेगी।
चयन सूची की वैधता भी तय की :
उच्चतर न्यायिक सेवा भर्ती नियमों में एक नया प्रावधान चयन सूची की वैधता का भी कर दिया गया है। अब चयन सूची एक साल यानि 12 माह तक वैध रहेंगी। उल्लेखनीय है कि उच्चतर न्यायिक सेवा के लिये भर्ती मप्र हाईकोर्ट करता है तथा हर साल 1 जनवरी की स्थिति में खाली पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं। पहले नियमों में चयन सूची की वैधता अवधि का प्रावधान नहीं था।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में उच्चतर न्यायिक सेवा भर्ती के नये नियम बनाये गये थे जिनमें 58 साल की सेवा के बाद स्क्रूटनी के जरिये अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने एवं चयन सूची की वैधता अवधि का प्रावधान नहीं था। अब नियमों में संशोधन के जरिये ये प्रावधान कर दिये गये हैं।


- डॉ. नवीन जोशी

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