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मप्र राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम प्रभावशील

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1721

निरस्त पट्टे बहाल होंगे, सबलीज पर भी दी जा सकेगी भूमि
अवासीय एवं व्यवसायिक निर्माण भी हो सकेगा


6 फरवरी 2020। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में नये मप्र राज्य औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम प्रभावशील कर दिये हैं। इन नियमों के तहत अब औद्योगिक क्षेत्रों में निरस्त पट्टे बहाल हो सकेंगे, भूमि सबलीज पर भी दी जा सकेगी तथा आवासीय एवं व्यवसायिक निर्माण भी हो सकेगा। ये नये नियम पिछली शिवराज सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जारी नियमों को निरस्त कर बनाये गये हैं।
नये नियम यहां लागू होंगे :
नये नियम औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की औद्योगिक अविकसित भूमि, औद्योगिक क्षेत्र की विकसित एवं विकसित की जाने वाली भूमि तथा औद्योगिक भवनों पर लागू होगी। परन्तु स्पेशल इकोनामिक जोन पर ये नियम तभी लागू होंगे जबकि केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अलग से जारी अधिनियम एवं नियमों के विपरीत नहीं है। पीपीपी मोड पर बने औद्योगिक क्षेत्रों में भी ये नियम लागू नहीं होंगे।
नये औद्योगिक क्षेत्रों में अब यह हो सकेगा :
नये नियमों के प्रभावशील होने के बाद विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में अब चार मापदण्डों का पालन होगा। यथा एक, आवंटन योग्य भूमि का अधिकतम 10 प्रतिशत लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब/पार्क, वेयरहाउसिंग गतिविधि हेतु हो सकेगा। दो, आवंटन योग्य भूमि का अधिकतम 25 प्रतिशत आवासीय एवं व्यवसायिक प्रयोजन हेतु उपयोग हो सकेगा। तीन, आवंटन योग्य भूमि का अधिकतम 5 प्रतिशत उद्योग आनुषांगिक प्रयोजन जिनमें शामिल है विद्युत सबस्टेशन, पुलिस थाना/चौकी, जलशोधन संयंत्र, फायर ब्रिगेड, सार्वजनिक शौचालय आदि के लिये उपयोग हो सकेगा। चार, आवंटन योग्य भूमि का अधिकतम 20 प्रतिशत एमएसएमई हेतु आरक्षित रहेगा। भूमि आवंटन 99 साल की लीज पर किया जायेगा।
समयावधि भी तय की :
नये नियमों में औद्योगिक क्षेत्र में भूमि का आधिपत्य प्राप्त करने के बाद उद्योग शुरु करने की समयावधि भी तय कर दी गई है। एमएसएमई उद्योगों के लिये दो वर्ष, मध्यम उद्योग हेतु तीन वर्ष, वृह्द उद्योग हेतु चार वर्ष तथा रक्षा उत्पाद निर्माता इकाईयों के लिये 5 वर्ष समयावधि रहेगी।
निरस्त भूखण्ड बहाल हो सकेंगे :
नये नियमों में कहा गया है कि आद्यौगिक क्षेत्रों में निरस्त भूखण्डों के प्रकरणों में लीज डीड बहाल करते हुये हस्तांतरण की अनुमति अपीलीय अधिकारी द्वारा दी जायेगी। साथ ही अविकसित भूमि पर औद्योगिक विकास निगम के एमडी एवं विकसित भूमि पर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के ईडी सबलीज की अनुमति जारी कर सकेंगे।
मंत्री के समक्ष हो सकेगी अंतिम अपील :
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि एवं भवन आवंटन के प्रकरणों में अंतिम अपील उद्योग मंत्री के समक्ष की जा सकेगी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में नये औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम प्रभावशील किये गये हैं। ये एसईजेड में तभी लागू होंगे जबकि वे केंद्र या राज्य के प्रावधानों के विपरीत न हों। इसके अलावा पीपीपी मोड वाले औद्योगिक क्षेत्रों में भी लागू नहीं होंगे।



- डॉ. नवीन जोशी

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