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कोर्ट में दो सप्ताह में दुष्कर्म के मामलों में विचारण हेतु ट्रायल प्रोग्राम बनेंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 947

26 फरवरी 2020। प्रदेश में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार एवं अन्य आनुषांगिक अपराधों पर कोर्ट में दो सप्ताह मेंं विचारण हो, इसके लिये ट्रायल प्रोग्राम बनेंगे। ये ट्रायल प्रोग्राम बनाने के निर्देश महानिदेशक लोक अभियोजन संचालनालय ने सभी जिलों के लोक अभियोजन अधिकारियों को जारी किये हैं।
ये हैं नये निर्देश :
एक, भारसाधक अभियोजक इस प्रकार ट्रायल प्रोग्राम प्रस्तुत करेगा जिससे कोर्ट में दो सप्ताह में विचारण पूर्ण किया जा सके। दो, प्रस्तुत ट्रायल प्रोग्राम में सभी महत्वपूर्ण एवं सारवान साक्ष्य समाहित होगा तथा नियत दिनांक पर आवश्यक दस्तावेज, एफएसएल/डीएनए रिपोर्ट, आर्टिकल्स आदि की प्रस्तुति सुनिश्चित की जायेगी। तीन, उपस्थित साक्षी का परीक्षण अनिवार्यत: उसी दिन किये जाने का प्रयास किया जायेगा। यदि बचाव पक्ष प्रतिपरीक्षण हेतु तैयार नहीं है अथवा नियंत्रण से परे ऐसी कोई परिस्थिति है जिसमें प्रतिपरीक्षण उस दिन नहीं किया जा सकता या पूर्ण नहीं किया जा सकता है तब साक्षी का मुख्य परीक्षण अंकित किये जाने हेतु न्यायालय से निवेदन किया जायेगा।
आदर्श ट्रायल प्रोग्राम प्रोफार्मा भेजा :
लोक अभियोजन संचालनालय ने सभी जिला अभियोजन अधिकारियों को आदर्श ट्रायल प्रोग्राम का प्रोफार्मा भी भेजा है। इसमें बताया गया है कि प्रथम सप्ताह के पहले दिन अभियोक्त्री/एफआईआर कर्ता/अन्य परिजन जिनकी साक्ष्य महत्वपूर्ण प्रकृति की हो। दूसरे दिन प्रत्यक्षदर्शी साक्षी यदि कोई हो/आयु प्रमाणन संबंधी साक्षी/मेडिकल परीक्षण संबंधी साक्षी। तीसरे दिन, पहचान कार्यवाही एवं अन्य सम्पोषक साक्ष्य संबंधी साक्षी/उचित मामलों में जाति प्रमाण पत्र संबंधी साक्षी।
इसी प्रकार दूसरे सप्ताह के पहले दिन जप्तीकर्ता एवं जप्ती संबंधी अन्य साक्षी। दूसरे दिन आवश्यक होने पर बी श्रेणी के साक्षी/धारा 91 दप्रसं के अंतर्गत बुलाये गये साक्षी। तीसरे दिन एफएसएल, डीएनए संबंधी साक्षी व प्रथम एवं द्वितीय अनुसंधानकर्ता।
इन दो सप्ताह की अवधि में सभी महत्वपूर्ण अभियोजन साक्ष्य को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है।


- डॉ. नवीन जोशी

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