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रेत का परिवहन : उप्र सरकार से मप्र सरकार का विवाद

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 752

उप्र से रेत का परिवहन अन्य राज्यों को नहीं हो सकता
मप्र ने जवाब में कहा नियमों के अधीन ईल जारी किये गये हैं
9 मार्च 2020। रेत के परिवहन को लेकर मप्र सरकार का उप्र सरकार से नया विवाद हो गया खड़ा हो गया है। मप्र से रेत परिवहनकर्ता एन्ट्री लेटर यानि ईएल लेकर उप्र के सीमावर्ती जिलों में रेत का परिवहन कर रहे थे जिसे उप्र सरकार ने यह कहकर वैध नहीं माना कि एन्ट्री लेटर से बाहरी राज्यों में रेत का परिवहन नहीं हो सकता है। उसने इस पर न केवल प्रतिबंध लगाया बल्कि जुर्माने की कार्यवाही भी कर दी। जवाब ने मप्र सरकार ने कहा है कि एन्ट्री लेटर नियमों के तहत जारी हुये हैं तथा इनसे सीमावर्ती जिलों में रेत का परिवहन हो सकता है।

सिंगरौली जिले से शुरु हुआ विवाद :

उप्र सरकार से यह विवाद मप्र के सिंगरौली जिले से प्रारंभ हुआ। वहां से रेत एन्ट्री लेट के माध्यम से उप्र जा रही थी। उप्र सरकार ने रेत के परिवहन पर रोक लगा दी और सिंगरौली कलेक्टर को सूचित किया कि रेत का यह परिवहन अवैध है। सिंगरौली कलेक्टर ने राज्य सरकार के पास यह मामला भेजा जिस पर अब राज्य सरकार ने उप्र सरकार के खनिज निदेशक को पत्र भेजकर सीमावर्ती जिलों में रेत के परिवहन को वैध ठहराया दिया है।

मप्र सरकार ने उप्र से यह कहा :

मप्र सरकार ने उप्र सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि आपके द्वारा पत्र भेजकर कहा गया है कि मप्र राज्य से रेत परिवहन करने वाले वाहनों में इलेक्ट्रानिक एन्ट्री लेटर के माध्यम से केवल मप्र के स्थानीय स्तर पर रेत का परिवहन किया जा सकता है। ऐसे वाहनों से एन्ट्री लेट के माध्यम से अन्तर्राज्यीय परिवहन के लिये अधिकृत नहीं है। उप्र राज्य के राजस्व हित में ऐसे परिवहन प्रपत्र से परिवहन किया जाना प्रतिबंधित किया जाये।
मप्र सरकार ने अपने जवाब में आगे कहा है कि मप्र रेत नियम 2018 के प्रावधानों के अधीन वर्तमान स्थिति में भी प्रदेश की कुछ खदानें पंचायतों/नगरीय निकायों द्वारा संचालित की जा रही हैं। इन खदानों से ईएल के माध्यम से ही रेत प्राप्त की जाकर परिवहन की व्यवस्था जारी है। राज्य शासन द्वारा मप्र रेत खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार नियम 2019 अधिसूचित किये जा चुके हैं, इन नियमों के प्रावधानों के अधीन पंचायतों एवं नगरीय निकायों को आवंटित रेत खदानें 31 मार्च 2020 तक ही संचालित रहेंगी एवं ऐसी खदानों से रायल्टी का भुगतान किये जाने के उपरान्त ही ईएल से रेत प्राप्त करने की व्यवस्था लागू रहेगी। इसलिये मप्र राज्य से रेत खनिज का परिवहन सीमावर्ती राज्यों मेंएन्ट्री लेटर के माध्यम से किये जाने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध एण्ड दण्डात्मक कार्यवाही नहीं करने के निर्देश प्रसारित किये जायें।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि उप्र से सटे मप्र के सिंगरौली जिले के कलेक्टर ने यह विवाद बताया था और उन्होंने राज्य सरकार को अवगत कराया था। इसी पर अब उप्र सरकार के खनिज निदेशक को पत्र लिखकर एन्ट्री लेटर की वैधता बताई है।



- डॉ. नवीन जोशी

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