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विश्व स्तरीय गोल्फ कोर्स के लिये अब एफडीआई क्लीयरेंस का इंतजार..

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 743

सांची के पास 70.718 हेक्टेयर में बनना है यह गोल्फ कोर्स
10 मार्च 2020। प्रदेश के पहले विश्व स्तरीय गोल्फ कोर्स के निर्माण के लिये अब एफडीआई यानि फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की क्लीयरेंस का मप्र सरकार को इंतजार है। यह गोल्फ कोर्स मय रिसोर्ट-होटल के राज्य की राजधानी के समीप रायसेन जिले के सांची स्थित ग्राम निनोद की 70.718 हेक्टेयर में बनना है।
साधिकार समिति ने दी मंजूरी :
दरअसल उक्त गोल्फ कोर्स बनाने के लिये अमेरिका के वेसले ग्रुप एलएलसी यूएसए ने रुचि दिखाई थी। राज्य की पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के तहत मुख्य सचिव एसआर मोहन्ती की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने उक्त कंपनी के आवेदन पर आदेश जारी कर कहा है कि पर्यटन विभाग के आधिपत्य की नीनोद की भूमियों का अल्ट्रा मेगा पर्यटन परियोजना की स्थापना हेतु भूमि आवंटन हेतु वेसले ग्रुप के आवेदन पर समिति उक्त भूमि पर गोल्फ कोर्स सह होटल/रिसोर्ट/कन्वेंशन सेंटर, हेलीपेड एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों की स्थापना का सैध्दांतिक अनुमोदन करती है। इस कंपनी को राज्य सरकार ने स्वीकृति-पत्र सौंप दिया है। इस विश्व स्तरीय गोल्फ कोर्स में 27 होल्स बनाये जायेंगे। अमेरिका की यह कंपनी 220 करोड़ रुपये इस परियोजना में व्यय करेगी। इस परियोजना से 310 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। पर्यटन नीति के प्रावधानों के अनुरूप इसमें से 247 पदों पर मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को नियुक्ति दी जाएगी।
अब एफडीआई क्लीयरेंस का इंतजार :
वेसले ग्रुप अब भारत सरकार के माध्यम से इस गोल्फ कोर्स हेतु एफडीआई क्लीयरेंस कराने में जुट गया है। उसे इसके लिये तीन साल का समय राज्य सरकार ने दिया है। सारी औपचारिकतायें पूरी होने पर वेसले ग्रुप राज्य सरकार से अनुबंध करेगा और निर्माण कार्य प्रारंभ करेगा।
साधिकार समिति ने यह भी किया नया प्रावधान :
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने एक नया प्रावधान यह भी किया है कि अन्य भूमियों पर ऐसा ही निवेश आने पर उसे भी स्वीकृति दी जायेगी। नये प्रावधान में कहा गया है कि राज्य के जिन स्थानों, टापू आदि की दरें कलेक्टर गाईडलाईन के आधार पर निर्धारित नहीं हैं उन स्थानों की भूमियों का पर्यटन विभाग द्वारा प्रचलित पर्यटन नीति के तहत नगरीय निकायों एवं प्लान एरिया में भूमि का आरक्षित मूल्य 10 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर एवं इससे हटकर अन्य क्षेत्रों में 5 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर होगी। इस दर पर निवेशकों के लिये भूमि उपलब्ध कराने पर विचार किया जायेगा। यदि निवेशक सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव देता है तो ऐसा प्रस्ताव प्राप्त होने पर न्यूनतम एक माह समयावधि की विज्ञप्ति प्रकाशित की जायेगी। उक्त भूमि के लिये अन्य निवेशकों से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने पर अल्ट्रा मेगा परियोजना का प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष उसकी स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करना होगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि सांची के ग्राम निनोद में वेसले ग्रुप को विश्व स्तरीय गोल्प कोर्स बनाने की स्वीकृति दी गई है तथा साधिकार समिति ने इसे सैध्दांतिक सहमति दी है। अब वेसले ग्रुप को एफडीआई क्लीयरेंस कराना है। इसके लिये उसे तीन साल का समय दिया गया है। सारी कार्यवाही अभी प्रोसेस में है।


- डॉ. नवीन जोशी

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