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प्रदेश के 100 गांवों में ग्रामीण पर्यटन विकसित होंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1147

1 अप्रैल 2020। मध्यप्रदेश के सौ गांवों में ग्रामीण पर्यटन विकसित किया जायेगा। यह नया निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इस संबंध में राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मप्र पर्यटन बोर्ड के साथ बैठक कर इसके बारे में तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं कि ग्रामीण पर्यटन का उद्देश्य, छह सांस्कृतिक क्षेत्रों, उसकी विविधता को ध्यान में रखते हुये पर्यटन हेतु उपयुक्त ग्रामों के चयन हेतु मापदण्ड, पर्यटन हेतु ग्राम में प्रस्तावित गतिविधियां, पर्यटकों हेतु मुख्य आकर्षण, मार्केटिंग एवं पब्लिसिटी आदि के विषय में जानकारी देते हुये इसी अनुक्रम में आवश्यक कार्यवाही की जाये।
60 गांवों का चयन किया :
इस संबंध में राज्य के पर्यटन विभाग ने प्रारंभिक तौर पर 60 गांवोंका चयन कर लिया है। इन गांवों में पंचायत विभाग की अन्य योजनाओं के साथ समन्वय कर कार्य किये जायेंगे। बीस जिलों धार, छतरपुर, सिवनी, सीधी, उज्जैन, पन्ना, निवाड़ी, रायसेन, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा, आगर, झाबुआ, डिण्डौरी, मण्डला, सीहोर, मुरैना, उमरिया, बालाघाट, राजगढ़ तथा अजीराजपुर में ये साठ गांव चयनित किये गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिन्दवाड़ा जिले में सर्वाधिक सात गांवों जमतरा-चौरई, धागडिय़ा-तामिया, कजरा-तामिया, चिमटीपुर-तामिया, पखाडिय़ा-छिन्दवाड़ा एवं रागनिखापा-छिन्दवाड़ा चयनित किये गये हैं।
जिला पंचायतों को यह करना होगा :
राज्य शासन ने समस्त जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा है कि वे पर्यटन हेतु चयनित गांवों में स्वच्छता, ओडीएफ, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, ड्रेनेज, पोषण वाटिका, मनरेगा अंतर्गत होमस्टे निर्माण में सहायता, वाटरशेड गतिविधियां, ग्रामीण सडक़ों का निर्माण तथा राज्य ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत होमस्टे हेतु चयनित हितग्राहियों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण सहायता उपलब्ध करायें जिससे पर्यटन के माध्यम से ग्रामीणों को जोडक़र उनकी आजीविका तय की जाये। सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला परियोजना समन्वयक के सहयोग से ग्रामीण पर्यटन हेतु उपयुक्त गांवों का चयन कर उसका विस्तृत प्रस्ताव 20 मार्च 2020 तक मप्र पर्यटन बोर्ड को भेजें। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत भारत सरकार से प्राप्त आवंटन का उपयोग ग्रामीण पर्यटन गतिविधियों को स्थापित करने एवं क्षमतावर्धन की राशि का उपयोग पर्यटन हेतु किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
फिलहाल दो गांवों के लिये हुआ अनुबंध :
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित महिला शक्ति सामुदायिक सहयोग संस्थान राजगढ़ को जिला राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के दो गांवों कोटरा एवं छाबड़ में पर्यटन गतिविधियां संचालित करने हेतु चयनित कर अनुबंध किया गया है जिसके क्रियान्वयन में जिला परियोजना अधिकारी को वांछित सहयोग देने हेतु भी सीईओ को निर्देश दिये गये हैं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने के लिये उन सौ गांवों का चयन किया जा रहा है जो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के आसपास हैं। हमने इनमें से साठ गांवों का चयन कर लिया है। जल्द ही इस योजना को मूर्त रुप दिया जायेगा।




- डॉ. नवीन जोशी

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