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कोरोना वायरस के बारे में बिना जांच एवं अनुमति के मीडिया में प्रचार-प्रसार दण्डनीय अपराध घोषित

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2189

2 अप्रैल 2020। देश और दुनिया में तेजी से फैले रोग कोरोना वायरस पर किसी भी तरह का दुष्प्रचार अब अपराध की श्रेणी में लिया गया हैं।राज्य में इस महामारी को लेकर सक्षम और अधिकृत व्यक्ति या संस्था के जरिये ही प्रचार-प्रसार को वैधता दी गई है।राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के बारे में किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा बिना तथ्यों की जांच तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य या आयुक्त स्वास्थ्य या आयुक्त चिकित्सा शिक्षा या संचालक स्वास्थ्य या संचालक चिकित्सा शिक्षा या जिला कलेक्टर से अनुमति लिये बगैर प्रिन्ट एयं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार-प्रसार दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया है। यह कार्यवाही एपीडेमिक डिजीजेस एक्ट 1897 के तहत बनाये कोविड-19 विनियम बनाकर की गई है। इस विनियम के तहत अब कोई व्यक्ति क्वारेन्टाईन होने से इंकार भी नहीं कर सकेगा। ये विनियमन एक साल के लिये प्रभावशील किये गये हैं।
कोरोना पीडि़त के शव को जलाएं..

प्रदेश के रीवा जिले की मऊगंज सीट से विधायक प्रदीप पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना पीडि़तों की मौत के बाद उनके शवों का आवश्यक रूप से दाह-संस्कार किए जाने की मांग की है। बीजेपी विधायक ने अपने में मुंबई के पुलिस कमिश्नर द्वारा दिए गए एक आदेश का हवाला देते हुए लिखा है कि कोरोना वायरस से पीडि़त शवों को जलाया जाना आवश्यक है। विधायक ने अपने लेटर में दावा का है कि विभिन्न स्रोतों से उन्हें पता चला है कि कोरोना वायरस 60 डिग्री तापमान तक जिंदा रहता है और ऐसे में यदि कोरोना संक्रमित शव को जला दिया जाएगा तो इसके फैलने का खतरा नहीं रहेगा। विधायक ने सीएम शिवराज से मानवता और इंसानियत की भलाई के लिए इस संबंध में ठोस फैसला लेने को कहा है। बीजेपी विधायक के अनुसार कोरोना से कोरोना से मृत व्यक्ति भले ही किसी भी धर्म को मानता हो लेकिन इस रोग के फैलने की संभावना को खत्म करन के लिए उसका दाह-संस्कार ही किया जाना चाहिए। शव जलाने के बाद भले ही उसकी राख एवं हड्डियों को उफनाया जा सकता है।


- डॉ. नवीन जोशी

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