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लॉकडाउन खुलने का मतलब असावधानी नहीं

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1319

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति सबसे धीमी.
डबलिंग रेट 31 दिन, रिकवरी रेट 63.4
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

3 जून 2020। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लॉकडाउन खुलने का मतलब असावधानी नहीं है। हर व्यक्ति को पूरी सावधानी रखनी है, नहीं तो हम संक्रमण को रोक नहीं पायेंगे। हमें आर्थिक गतिविधियाँ करनी हैं, जीवन को सामान्य बनाना है, परन्तु पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ। इस संबंध में जनता को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। यदि हम जागरूक रहे तो शीघ्र ही कोरोना को पूरी तरह परास्त कर देंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की मध्यप्रदेश में गति देश में सबसे धीमी है। मध्यप्रदेश की डबलिंग रेट 31 दिन है। वहीं कोरोना रिकवरी रेट निरंतर बढ़ रहा है, जो अब 63.4 प्रतिशत हो गया है। मध्यप्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों में भी निरंतर कमी आ रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला उपस्थित थे।

सावधानी रखें, प्रकरण बढ़ने में देर नहीं लगती

ग्वालियर जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहाँ सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। सभी एक्टिव मरीजों की हालत अच्छी है। परन्तु पहली बार ग्वालियर शहर से भी कोरोना के प्रकरण निकले हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि वहाँ पूरी सावधानी रखें, प्रकरण बढ़ने में देर नहीं लगती।

सर्वेलेंस एवं सैम्पलिंग बढ़ाएं

नीमच जिले की समीक्षा में पाया गया कि नीमच जिले में गत 7 दिन में कोरोना के 127 प्रकरण आए हैं, जिनमें अधिक संख्या में जावद के प्रकरण हैं। जिले में सर्वेलेंस एवं सैम्पलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि नीमच एवं जावद में विशेष ध्यान देकर पूरी गंभीरता से कार्य किया जाए।

सागर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं बेहतर करें

सागर जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने वहाँ मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएँ बेहतर किए जाने के निर्देश दिए। इलाज के साथ ही स्वच्छता, सफाई, भोजन आदि सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तुरंत विशेष चिकित्सकों की टीम सागर भिजवाई जाए। वहाँ हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन उपलब्ध कराएं।

हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन उपलब्ध कराई जाएंगी

एसीएस हैल्थ श्री सुलेमान ने बताया कि कोरोना के इलाज में हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन ज्यादा प्रभावी है। सामान्य मशीन से एक दिन में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन दिया जा सकता है, वहीं हाई फ्लो मशीन से 60 लीटर तक ऑक्सीजन दिया जा सकता है। सभी जिला अस्पतालों एवं अन्य कोविड अस्पतालों को शीघ्र ही ये मशीनें उपलब्ध कराई जायेंगी।

पुलिस के कार्य की सराहना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में मध्यप्रदेश की पुलिस ने जो सेवा कार्य किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में पुलिस द्वारा इन दिनों श्रेष्ठ कार्य किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री ने डीजीपी श्री विवेक जौहरी सहित पूरे अमले की सराहना की।

एक्टिव प्रकरणों में निरंतर कमी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों में निरंतर कमी आ रही है। प्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2772 रह गई है। नए पॉजीटिव प्रकरणों की तुलना में स्वस्थ हो रहे मरीजों की संख्या ज्यादा है। 3 जून को 168 नए पॉजीटिव मरीज बढ़े जबकि 224 मरीज डिस्चार्ज होकर घर गए।

फीवर क्लीनिक्‍स को प्रभावी बनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में फीवर क्लीनिक्स को प्रभावी बनाया जाए। ये शासकीय एवं निजी दोनों हों, जो जनता को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा सुगमता से प्रदाय करने में अत्यंत उपयोगी होंगी।

बचे सभी किसानों का गेहूँ खरीदें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जो किसान गेहूँ उपार्जन से शेष रह गए हैं, उनका गेहूँ क्रय किए जाना सुनिश्चित करें। खरीदे गये गेहूँ का शत-प्रतिशत परिवहन शीघ्रता से किया जाये, ताकि कहीं भी गेहूँ भींगे नहीं।

2 प्रतिशत तिवड़ा सहित चने का उपार्जन हो सकेगा

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने 2 प्रतिशत तिवड़ा सहित चने को समर्थन मूल्य पर खरीदने की स्वीकृति दे दी है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र को अनुमति के लिए पत्र लिखा गया था। इसमें प्रदेश के वे सभी किसान लाभान्वित होंगे, जो चने में तिवड़ा होने के कारण अपना चना समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पा रहे थे।

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