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अभी मेयर एवं अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष पध्दति से ही रहेंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 970

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किये चुनाव नियम
6 जून 2020। प्रदेश में नगरीय एवं पंचायत चुनाव कराने वाले राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकायों में पार्षद पद का चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थियों के लिये निर्वाचन व्यय लेखा संधारण और प्रस्तुति आदेश जारी कर दिये। इससे स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल शिवराज सरकार ने नगर निगमों में मेयर तथा नगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के चुनाव अप्रत्यक्ष पध्दति से ही किये जाने का प्रावधान यथावत रखा है।
उल्लेखनीय है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने मेयर एवं अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे जनता द्वारा न कराके पार्षदों के माध्यम से कराने का प्रावधान कर दिया था जबकि शिवराज सरकार के समय इन पदों पर सीधे जनता द्वारा कराने का प्रावधान था।
इसके अलावा शिवराज सरकार के समय मेयर एवं अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय का दिन-प्रतिदिन का लेखा राज्य निर्वाचन आयोग को देने का प्रावधान था जबकि पार्षदों के लिये निर्वाचन व्यय की न ही सीमा थी और न ही लेखा देना जरुरी था। लेकिन पिछली कमलनाथ सरकार ने पार्षदों के लिये गत 22 फरवरी 2020 को पहली बार पार्षदों के लिये निर्वाचन व्यय की सीमा तय कर दी थी। और अब शिवराज सरकार के समय राज्य निर्वाचन आयोग ने पार्षदों के लिये निर्वाचन व्यय का लेखा देने के भी नियम जारी कर दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि 10 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर निगमों के पार्षदों के लिये 8 लाख 75 हजार रुपये, 10 लाख से कम जनलसंख्या वाले नगर निगमों में 3 लाख 75 हजार रुपये चुनाव व्यय की सीमा है। नगर पालिकाओं में जनसंख्या के हिसाब से ढाई लाख रुपये से लेकर एक लाख रुपये एवं नगर परिषदों में 75 हजार रुपये सीमा है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि अभी तो हमने पार्षदों के लिये निर्धारित की गई चुनाव व्यय की सीमा के लिये लेखा प्रस्तुत करने के नियम जारी किये हैं। पहले कभी इनके लिये नियम नहीं थे। फिलहाल पार्षद ही मेयर एवं अध्यक्ष पद का चुनाव करेंगे। यदि बाद में कोई बदलाव होगा तब उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी।


- डॉ. नवीन जोशी

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