शिवराज ने कामकाज की शैली बदली और
राजकाज का मंत्र भी
अपने कक्ष में किया बदलाव
10 जून 2020। लगातार 13 बरस सत्ता साकेत में रहने के बाद14 महीने का बिछोह और फिर सत्तारूढ़ हुए शिवराज इस बार बदले अंदाज में दिखाई दे रहे हैं।शिवराज की शैली तो बदली ही है, उनका अपना सूत्र वाक्य भी बदल दिया है।कोरोना काल मे जहां वे डिजीटल फ्रेंडली ज्यादा दिखे तो अफ़सरो के सम्बोधन में भी उन्होंने बदलाव किया है।अपने मंत्रालय के कक्ष में भी भारी फेरबदल किया हैं।उनका यह बदला अंदाज सभी को चोंकाने वाला हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में नया बदलाव कर दिया है। इस कक्ष में पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठते थे,उस बैठक दिशा और सजावट तथा आगंतुकों के स्थान परिवर्तित कर दिए गए है।श्री चौहान ने अपने कक्ष की बैठक व्यवस्था पूरी तरह बदल दी है तथा उन्होंने अपनी कुर्सी के पीछे धातु में अंकित किया गया नया मंत्र लिखवा दिया है। जो भी आगन्तुक वहां आता है उसकी नजर इसी मंत्र पर पड़ती है और उसे पढक़र उसमें नया भाव आ जाता है। यह राजकाज चलाने का नया मंत्र है जो है : ??राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम!!??
उक्त चौपाई तुलसीदासकृत रामचरित्र मानस की है। जिसका अर्थ है कि ईश्वर के लिये कार्य करते हुये उनके लिये कोई विश्राम नहीं है। रामचरित्र मानस के सुंदरकांड में इस चौपाई का उल्लेख है जब सीताजी की खोज हेतु रामभक्त हनुमान लंका जाते हैं। श्री चौहान ने इसी चौपाई को अपने राजकाज चलाने का मूलमंत्र बना लिया है।
भीड़भाड़ से निपटना है :
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे इस समय प्रदेश को कोरोना से पूरी तरह मुक्त करने के अभियान में लगे हैं। अभी मूल समस्या भीड़भाड़ बढऩा है जिससे निपटने के वे उपाय कर रहे हैं ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले।
- डॉ. नवीन जोशी
पूरी तरह से बदल हैं मेरे सरकार.....
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1898
Related News
Latest News
- मध्यप्रदेश: औद्योगिक निवेश के नए युग की ओर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यूके रोड शो
- रूस और ईरान ने डॉलर का इस्तेमाल बंद किया - तेहरान
- डिजिटल तकनीक का उपयोग: सटीक डेटा संग्रहण की दिशा में बड़ा कदम
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लंदन के संसद स्क्वायर गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया
- मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की लंदन यात्रा, हुआ गर्मजोशी से स्वागत
- भोपाल गैस त्रासदी: पीढ़ियों तक फैला जहर, मिट नहीं रहा दर्द