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मध्यप्रदेश को बनायें कोरोना मुक्त और रोगमुक्त

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1107

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आमजन से अभियान में सहयोग का किया आव्हान
प्रदेश में पन्द्रह दिवसीय किल-कोरोना अभियान का शुभारंभ

1 जुलाई 2020। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस से आगामी 15 दिवस तक संचालित होने वाले 'किल कोरोना' अभियान का समन्वय भवन भोपाल में शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से जंग हम सबको मिलकर लड़ना है। हमारी जीत निश्चित है। हम सभी संकल्प लें कि मध्यप्रदेश को कोरोना मुक्त और रोगमुक्त बनायें। उन्होंने कोरोना के खात्मे के लिए किल-कोरोना अभियान में आमजन से सक्रिय सहयोग का आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 'सार्थक लाइट' एप का शुभारंभ किया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित 'द स्ट्रेटेजी डाक्यूमेंट कोविड-19 रिस्पांस टू रिकवरी सस्टनेबल साल्यूशन' बुकलेट का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना के प्रति जागरूकता लाने वाले आईईसी वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्रीमती कृष्णा गौर और श्री सुरेन्द्र सिंह शेरा उपस्थित थे। समन्वय भवन में सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रखते हुए बैठक व्यवस्था की गई थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वास्थ्य दिवस और डाक्टर्स-डे पर इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी है। डॉक्टर को भगवान माना जाता है। मध्यप्रदेश में भी इस मान्यता को चरितार्थ करते हुए चिकित्सकों ने इतिहास रचा है। उन्होंने दिन-रात लगातार संक्रमण से प्रभावित लोगों की सेवा की। बहुत से चिकित्सक रात्रि में अपने चार पहिया वाहन में ही सोये। कई चिकित्सकों ने अपने नवजात बच्चों का चेहरा भी नहीं देखा और अस्पताल में ड्यूटी पर बने रहने के कारण परिवार के सदस्यों से दूरी बनाये रखी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे चिकित्सक अभिनंदन के पात्र हैं। डॉक्टर्स के साथ ही नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, अन्य स्वास्थ्य कर्मी, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा बहनों ने भी सेवा का इतिहास रचा है। यह भावना न होती तो बीमारी विनाश की ओर ले जा सकती थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वैच्छिक संगठनों का भी आभार माना। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व से जहाँ पूरे देश में कोरोना नियंत्रण में सफलता मिली है, वहीं मध्यप्रदेश में स्थिति अच्छी है। आईआईटीटी अर्थात आइडेंटिफिकेशन संदिग्धों और मरीजों की जल्द पहचान, आइसोलेशन संदिग्ध मरीजों के पृथक वास और पुष्ट मरीजों को अस्पतालों के पृथक वॉर्डों में भेजना, टेस्टिंग ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच और इलाज की सुविधाएं बढ़ाने की रणनीति से रोग को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीन माह पूर्व एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट तक पहुँच गये हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है। हमारी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। हम निजी अस्पतालों का भी सहयोग ले रहे हैं। जिलों में आईसीयू बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इन्दौर और भोपाल में कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। घर-घर में सर्वे से अब कोरोना पूरी तरह नियंत्रित होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुरैना क्षेत्र में धौलपुर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। अंतर्राज्यीय मार्ग, संक्रमण का कारण न बनें, इसके लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

कोविड मित्र बनकर करें सहयोग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लगभग एक हजार फीवर क्लिनिक कार्य कर रहे हैं। आज से प्रारंभ अभियान में कोविड मित्र बनाए जा रहे हैं। आमजन से आव्हान है कि कोविड मित्र बनकर अभियान में सहयोग करें। व्यापक सर्वे के माध्यम से प्रदेश का प्रत्येक परिवार कवर करते हुए रोगमुक्त मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूरा करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समय पर रोग की पहचान और उपचार से यह घातक नहीं हो पाता और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत कोरोना के अलावा मलेरिया, डेंगू, डायरिया, सामान्य सर्दी-खांसी की जांच करवा कर इस जंग में विजयी होने में सहयोग प्रदान करें।

बाजारों में भीड़ की स्थिति न बनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बात सही है कि अनंतकाल तक लॉक डाउन कायम नहीं रखा जा सकता था। आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करना भी बहुत आवश्यक था, लेकिन अनलॉक होने से लोग बाजारों में बहुत भीड़ न लगाएं। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। दिलों में दूरियाँ न हों लेकिन शरीर की दूरी रखनी पड़ेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम काढ़ा भूल गए थे। अब उसकी उपयोगिता समझ आई है। हमारे भारतीय नुस्खों ने कमाल किया है। थूकने की आदत भी खतरनाक है। स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। सभी प्रदेशवासियों को हर व्यक्ति की जांच कराने का कार्य खुद आगे बढ़कर करना चाहिए। हम तभी इस लड़ाई को लड़ते हुए जीतेंगे और कोरोना हारेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से भी कोरोना जागरुकता की दिशा में पूर्व में दिए गए सहयोग को बनाये रखते हुए भागीदारी का आव्हान किया।

चिकित्सकों ने दी सेवा के संकल्प की जानकारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न चिकित्सकों से भी बातचीत की और उनकी सेवाओं के लिए आभार माना। इन चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को जानकारी दी कि यह उनका संकल्प है कि आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने में कभी पीछे नहीं हटेंगे। इनमें दन्त चिकित्सक डॉ. संजुला चतुर्वेदी, डॉ. हर्षा पाटिल, डॉ. पूनम चंदानी, डॉ. प्रशांत ठाकुर, डॉ. नितीश सोनी और आयुष चिकित्सक डॉ. जितेंद्र राठौर, डॉ. नेहा ठाकुर और डॉ. पूर्णिमा चौहान शामिल हैं।

सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के सक्षम नेतृत्व के कारण प्रशासन तंत्र ने कोरोना नियंत्रण का अच्छा कार्य कर दिखाया है। सुश्री ठाकुर ने कहा कि उन्होंने आवश्यकता होने पर हेल्प लाइन और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से लोगों की सहायता के लिए जब भी अनुरोध किया, संबंधित लोगों को बिना दिक्कत के सहयोग प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की पौने तीन सौ घंटे वीडियो कान्फ्रेंस से समीक्षा

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत आज से प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य सर्वे प्रारंभ हो रहा है। प्रदेश में गत तीन माह से निरंतर कोरोना नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रतिदिन गहन समीक्षा करते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने गत 23 मार्च से अब तक करीब पौने तीन सौ घंटे वीडियो कान्फ्रेंस कर लगातार यही निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कोरोना से मृत्यु को रोका जाए। प्रदेश में हर टेस्ट और उपचार निर्धारित अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है। संजीवनी टेली मेडिसन सेवा भी नागरिकों के लिए उपयोगी सिद्ध हुई। राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश कभी संक्रमण की दृष्टि से चौथे क्रम पर था जो अब 12वें क्रम पर है। प्रदेश में कोरोना की ग्रोथ रेट भी अन्य प्रदेशों से कम है। जबकि रिकवरी रेट सर्वाधिक है। प्रदेश में रोगियों के लिए विकसित बिस्तर क्षमता का 17 प्रतिशत ही उपयोग में आ रहा है।

भोपाल की चार लाख से अधिक आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण

प्रारंभ में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं कोरोना नियंत्रण के लिए भोपाल जिले के प्रभारी श्री फैज अहमद किदवई ने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय अभियान के पूर्व प्रयोग के तौर पर 27 से 29 जून तक भोपाल शहर की 52 बस्तियों में सर्वे टीम द्वारा सर्वे किया गया। कुल 6455 सेंपल भी लिए गए जिसमें से 160 पॉजीटिव आए। यह प्रतिशत लगभग 2.5 है। कुल 86 हजार 749 घरों के सर्वे में 4.13 लाख आबादी कवर की गई। सार्थक लाइट एप के माध्यम से रोगी की शीघ्र पहचान का कार्य होगा। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप में निकटतम उपचार केन्द्र, नोडल अधिकारी का नाम, उसका दूरभाष क्रमांक, सेम्पल संग्रह केन्द्र और फीवर क्लीनिक की जानकारी प्राप्त होती है।

किल-कोरोना अभियान के शुभारंभ अवसर पर कोरोना नियंत्रण के प्रयासों पर निर्मित दो फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया ने आभार व्यक्त किया।

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