जब अस्थियाँ विसर्जित होंगी तो जल से आवाज आएगी, "भारत माता की जय"
प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने झंडावंदन कर सलामी ली
15 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड परिसर के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला विशेष सशस्त्र बल, जिला बल, शासकीय रेल पुलिस, विशेष शस्त्रबल हॉक फोर्स, एस.टी.एफ., नगर सेना, जेल विभाग और पुलिस बैंड की टुकड़ियों से सज्जित परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं सभी उपस्थितों द्वारा भारतमाता की जयघोष के साथ मुख्यमंत्री का संबोधन प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलवाने वाले वीर बलिदानियों के चरणों में नमन करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वालों के सम्मान में भोपाल में निर्मित शौर्य स्मारक में आज भारतमाता की प्रतिमा स्थापित हुई है। यह सभी को राष्ट्र प्रेम, शौर्य और साहस की प्रेरणा देगी। प्रत्येक नागरिक को भोपाल के शौर्य स्मारक में स्थापित इस प्रतिमा के दर्शन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण किया तथा उनके कथन को उद्धृत किया कि 'भारतभूमि सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। यही जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हिमालय इसका मस्तिष्क है, कश्मीर किरीट है, गौरीशंकर इसकी शिखा है। पंजाब और बंगाल इसकी दो बाहु हैं। दिल्ली दिल है। विंध्याचल कटि है। नर्मदा करधनी है। पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट विशाल जंघाएं हैं। कन्याकुमारी इसके पंजे हैं। सागर इसके पग पखारता है। पावस के कुंतल मेघ, काले-काले मेघ केश राशि हैं। सूर्य और चंद्रमा इसकी आरती उतारते हैं। ये वीरों की भूमि है। ये तर्पण की भूमि है। ये अर्पण की भूमि है। इसका कंकर-कंकर शंकर है। इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। मरने के बाद जब अस्थियाँ विसर्जित होंगी तो जल से आवाज आएगी, भारत माता की जय। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश के यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। अब यह वर्ष 1962 का भारत नहीं है। यदि किसी शत्रु ने भारत की ओर आँख उठाकर देखा तो उसे सबक सिखाने में भारत पीछे नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि, परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा और भूखंड प्रदान करने का निर्णय लेकर बलिदानियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चमत्कारी नेतृत्व से असंभव माने जाने वाले कार्यों को संभव कर दिखाया है। कोरोना की चुनौती का उनके सक्षम नेतृत्व में देश ने साहस के साथ सामना किया, देश में सुनियोजित व्यवस्थाएं की गईं और उस पर प्रभावी नियंत्रण किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सीमा पर अतिक्रमण करने का दुस्साहस करने वालों को हमारे वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की परवाह न कर मुँहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के फरेदा गाँव के सैनिक श्री दीपक सिंह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। उन्हें सादर श्रद्धांजलि।
प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में कोरोना से बचाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सही समय पर लिए गए सुविचारित निर्णयों के परिणामस्वरूप भारत ने कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रभावी कार्य किया। श्री मोदी मैन ऑफ़ आइडियाज हैं। कठिन चुनौती भरे समय को अवसर के रूप में लेते हुए उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का जो मंत्र दिया है उस पर प्रदेश तेज गति से चल रहा है।
प्रदेश में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड की आपदा से निपटने के लिए सरकार ने समाज के सहयोग से आई.आई.टी.टी. अर्थात् 'आईडेंटीफाई, आयसोलेट, टेस्ट एण्ड ट्रीट' की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की गयी, वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा सामग्री एवं अन्य आवश्यक उपकरण जैसे?दवाएँ, मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर्स, टैस्टिंग लेबोरेटरी और टैस्टिंग किट्स आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखी गयी। सरकार के प्रोत्साहन से कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए आवश्यक कई सामग्रियों का उत्पादन मध्यप्रदेश में ही प्रारंभ हुआ।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 'आयुष'
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 'जीवन अमृत' योजना आरंभ की गई। इसके अंतर्गत 3 करोड़ 80 लाख से भी अधिक व्यक्तियों को आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी जीवन-अमृत औषधियाँ तथा रोग-प्रतिरोधक काढ़ा निःशुल्क वितरित किए जा चुके हैं।
'किल कोरोना' एवं 'सहयोग से सुरक्षा' अभियान
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए एक जुलाई से 31 जुलाई, 2020 के मध्य चलाये गए 'किल कोरोना अभियान में घर-घर जाकर शत-प्रतिशत परिवारों का सर्वे किया गया। इसके बाद एक अगस्त से प्रारंभ किए गए दूसरे चरण में सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने की अनिवार्यता के संबंध में जनजागरूकता के विस्तार का काम किया। आज से हम सहयोग से सुरक्षा अभियान प्रारंभ कर रहे हैं, जिसका मूल मंत्र 5 शब्द हैं-प्रमोट-अर्थात् सुरक्षा के उपायों को बढ़ावा देना, परपेच्यूएट-अर्थात् परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाना, प्रोपोगेट-अर्थात् गलत एवं भ्रामक जानकारियों का खण्डन करना, पार्टिसिपेट-अर्थात् कोविड की रोकथाम में जन-सहयोग प्राप्त करना एवं प्रोटेक्ट-अर्थात् कोरोना संक्रमित को किसी भी भेदभाव से बचाना।
सावधानी बरतें, कोरोना को हराएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की जनता से आव्हान करते हुए कहा कि यदि हमें कोरोना की महामारी से आजादी पाना है तो जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क अवश्य लगायें। आपस में दो गज यानी कम से कम 6 फीट की दूरी रखें, नियमित अंतराल पर अपने हाथ साबुन से धोते रहें, योग-प्राणायाम, व्यायाम, काढ़ा सेवन आदि के माध्यम से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ायें।
प्रवासी श्रमिकों की प्रदेश वापसी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट में सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी श्रमिकों के आवागमन का प्रबंधन थी। इस दौरान लगभग 15 लाख श्रमिक एवं उनके परिवारजन प्रदेश लौटे तथा लगभग 5 लाख श्रमिक प्रदेश से गुजरकर अपने राज्यों में गए। हमारा संकल्प था कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई श्रमिक भूखा नहीं सोयेगा और कोई पैदल नहीं चलेगा। सरकार और समाज ने मिलकर इस संकल्प को पूरा किया।
अकुशल एवं कुशल श्रमिकों को रोजगार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए बड़ा रोजगार कार्यक्रम "श्रम सिद्धि अभियान' प्रारंभ किया गया, जिसके अन्तर्गत लगभग 61 लाख श्रमिकों का नियोजन हुआ है। प्रवासी मजदूरों को उनके निवास स्थान के समीप रोजगार देने के उद्देश्य से घर-घर सर्वे कर 14 लाख से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए। अब तक 2400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मजदूरी के रूप में श्रमिकों के खातों में अंतरित की जा चुकी है। मनरेगा अंतर्गत सरकार द्वारा अपने पूर्व निर्धारित लेबर बजट 20 करोड़ 50 लाख मानव दिवस में 66 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 34 करोड़ से अधिक मानव दिवस अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया। कुशल श्रमिकों और नियोक्ताओं को एक मंच पर लाकर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये रोजगार सेतु पोर्टल प्रारंभ किया गया। पोर्टल के माध्यम से अब तक लगभग 39 हजार प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार प्राप्त हुआ है।
शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर योजना
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म-निर्भर निधि के माध्यम से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 35 प्रकार के छोटे व्यवसायी, ठेला चलाने वाले भाई तथा पथ-विक्रेताओं को कार्यशील पूँजी देने का महाअभियान प्रारंभ किया गया है। योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश में कुल स्वीकृत प्रकरणों में से 47 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों की स्वीकृति के साथ शीर्ष पर है। ग्रामीण पथ विक्रेताओं को बिना ब्याज-10 हजार रुपये की कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल कर मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर ऋण योजना प्रारंभ की गयी है। इसके अंतर्गत कामगार सेतु पोर्टल पर अब तक लगभग 8 लाख 50 हजार पंजीयन हो चुके हैं।
संबल योजना गरीबों का 'सुरक्षा कवच'
मध्यप्रदेश, देश का ऐसा कल्याणकारी राज्य है, जहाँ अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को संबल योजना के माध्यम से जन्म से लेकर मृत्यु तक सुरक्षा कवच दिया गया है। विगत चार माह में योजना के विभिन्न घटकों के अंतर्गत लगभग 25 हजार से अधिक हितग्राहियों को लगभग 268 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
'वन नेशन-वन राशन कार्ड' योजना
राज्य सरकार वन नेशन-वन राशन कार्ड की महत्वाकांक्षी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के ऐसे 24 श्रेणियों के पात्र लगभग 37 लाख हितग्राही, जिनके पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्रता पर्ची नहीं है, उन्हें भी 31 अगस्त, 2020 तक पात्रता पर्ची जारी कर निःशुल्क खाद्यान्न प्रदाय किया जाने का महाभियान प्रारंभ किया गया है।
रिकार्ड गेहूँ उपार्जन
सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूँ उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया, जो एक बड़ी चुनौती थी। किसान भाइयों के सहयोग से उपार्जन में हम देश में नंबर एक बन गए हैं। पंजाब को पीछे छोड़ते हुए एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ लगभग 15 लाख 81 हजार किसानों से उपार्जित किया गया। किसानों को 24 हजार 800 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी समय पर किया गया।
शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना सतत जारी रखी गई है। हमारी सरकार ने वर्ष 2018-19 की फसल बीमा की प्रीमियम राशि 2200 करोड़ रुपये का भुगतान बीमा कंपनियों को किया, जिससे 16 लाख किसानों को फसल हानि के 3100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वर्ष 2019-20 के प्रीमियम का भी भुगतान किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान होगा।
मंडी अधिनियम में संशोधन
किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से मण्डी अधिनियम में संशोधन किए गए। एक ही लायसेंस से व्यापार करने, निजी क्षेत्र में मण्डियों की स्थापना एवं कृषि उपज को किसान के द्वार से सीधे खरीदने की सुविधा दी गई है।
एक हजार नवीन कृषक उत्पादक संघ
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के अंतर्गत अगले तीन वर्ष में प्रदेश में 1000 नवीन कृषक उत्पादक संगठनों का सृजन कर इन्हें पूँजी अनुदान, क्रेडिट गारंटी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में बड़ी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जाएंगी।
नर्मदा जल का पूरा उपयोग
नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन-दायिनी है। मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ. नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर काम चल रहा है। नर्मदा कछार में 2.85 मिलियन एकड़ फिट अतिरिक्त जल भण्डारण के लिये 13 हजार 544 करोड़ रुपये लागत की 8 नवीन परियोजनाओं की स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं। राज्य शासन द्वारा साँवेर परियोजना सहित अनेक सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
महिला एस.एच.जी. को कम ब्याज पर ऋण
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों के लिए कम ब्याज पर ऋण दिलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की कल्पना को साकार करते हुए कोविड-19 आपदा के दौरान प्रदेश के 20 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा एक करोड़ 12 लाख से अधिक मास्क, एक लाख 12 हजार से अधिक पी.पीई. किट्स, 96 हजार लीटर सेनिटाइजर तथा 2 लाख से अधिक साबुन बनाकर विक्रय किए गए।
अ.ज.जा वर्ग कल्याण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर पात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति को वनाधिकार पट्टे प्रदान किए जा रहे हैं। प्रदेश भर में निरस्त किये गये दावों का पुनः परीक्षण जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति पट्टे से वंचित न रहे। इन्हें साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति को नियमों के विपरीत 15 अगस्त, 2020 तक दिए गए ऋणों को अब नहीं चुकाना होगा। आदिवासी भाई-बहनों द्वारा संग्रहित की जाने वाली विभिन्न लघु वनोपज जैसे-हर्रा, बहेड़ा, सालबीज, महुआ, अचार गुठली, नागरमोथा आदि के मूल्यों में वृद्धि की जाकर उनका उपार्जन किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक के साथ-साथ गत वर्ष के बोनस की राशि कुल 580 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। प्रदेश की अति पिछड़ी जनजातियों-सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति की 2 लाख 22 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में लगभग 80 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गयी है।
गरीबों को अवैध साहूकारी ऋणों से मुक्ति
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राष्ट्र के लिए जिएंगे, राष्ट्र के लिए मरेंगे,
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