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जिला योजना समिति और मंदिर

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1309

विधेयक राज्यपाल ने किये होल्ड
आठ माह से नहीं दी दी मंजूरी, पिछली कमलनाथ सरकार ने पारित कराये थे

25 अगस्त 2020। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पिछली कमलनाथ सरकार द्वारा पारित दो महत्वपूर्ण विधेयकों को अब तक मंजूरी न देकर होल्ड कर दिये हैं। इन विधेयकों को मंजूरी मिले इसके लिये शिवराज सरकार ने भी कोई पहल नहीं की है।
ये दोनों विधेयक तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 20 दिसम्बर 2019 को पारित कराये थे। हालांकि ये दोनों विधेयक उस समय विपक्ष में बैठी भाजपा के भारी शोरगुल के कारण बिना चर्चा के ही ध्वनिमत से पारित हुये थे। विधानसभा सचिवालय ने इन दोनों पारित विधेयकों को राज्यपाल के पास उनकी स्वीकृति हेतु भेजा था। तत्कालीन राज्यपाल लालजी टण्डन ने भी इन दोनों विधेयकों पर लम्बे समय तक स्वीकृति न देकर इन्हें लटकाये रखा था। वर्तमान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी इन्हें मंजूरी नहीं दी है तथा होल्ड किया हुआ है। आठ माह से इन्हें अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
ये प्रावधान हैं इन विधेयकों में :
मप्र जिला योजना समिति संशोधन विधेयक में बीस सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा जिला प्रभारी मंत्री को दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जिला योजना समिति में नामनिर्दिष्ट करने का भी उपबंध किया गया है। साथ ही जिला योजना समितियों द्वारा सौंपे गये कोई विशेष क्रियाकलाप को करने हेतु उप समितियां बनाने का भी प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार, मप्र विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक में प्रावधान किया गया है कि चार अधिनियमों यथा महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम 1982, गणपति मंदिर खजराना इंदौर अधिनियम 2003, मां शारदा देवी मंदिर अधिनियम 2002 तथा सलकनपुर मंदिर अधिनियम 1956 को खत्म कर सिर्फ एक ही अधिनियम बनाया जाये। इसी नये अधिनियम के तहत उक्त चारों देवस्थान संचालित एवं प्रबंधित करने के उपबंध इस विधेयक में किये गये हैं।
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि जिला योजना समिति और मंदिर विधेयक पर अब तक राज्यपाल से स्वीकृति नहीं मिली है। इन्हें राज्यपाल कितने ही समय तक अपने पास रख सकते हैं। राज्य सरकार रुचि लेगी तो वह इन्हें स्वीकृत कराने के प्रयास कर सकती है।


- डॉ. नवीन जोशी

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