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अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त के स्थान पर अब ..

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2281

सामाजिक वानिकी वृत्त कार्यालय कहलायेंगे
सोलह साल बाद बदला नाम

10 सितंबर 2020। राज्य सरकार ने वन विभाग के अंतर्गत स्थापित अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त कार्यालयों का नाम बदल दिया है। अब ये सामाजिक वानिकी वृत्त कार्यालय कहलायेंगे। सोलह साल बाद यह परिवर्तन किया गया है।
राज्य सरकार ने 5 फरवरी 2004 को अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त के कार्यालयों का गठन किया था। ये वृत्त कार्यालय सोशल फारेस्ट्री को बढ़ावा देते हैं जिसमें वन नर्सरियां भी आती हैं। इसके नाम से इसके असल मकसद की पहचान नहीं हो पाती थी इसीलिये इसका नया नामकरण कर दिया गया है। इन सभी वृत्तों के ग्यारह क्षेत्र बनाये गये हैं जिनमें 52 जिले शामिल किये गये हैं।
अब वृत्त कार्यालयों में ये जिले शामिल रहेंगे :
नाम परिवर्तन के बाद ये कार्यालय वन संरक्षक सामाजिक वानिकी वृत्त कहलायेंगे। इन ग्यारह वृत्तों में ये शामिल रहेंगे :
भोपाल वृत्त में भोपाल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ और विदिशा।
बैतूल वृत्त में बैतूल, होशंगाबाद और हरदा।
ग्वालियर वृत्त में ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और श्योपुर।
इंदौर वृत्त में इंदौर और देवास।
झाबुआ वृत्त में झाबुआ, अलीराजपुर एवं धार।
खण्डवा वृत्त में खण्डवा, बड़वानी, खरगौन व बुरहानपुर।
जबलपुर वृत्त में जबलपुर, कटनी, मण्डला एवं डिण्डौरी।
रतलाम वृत्त में रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, आगर मालवा, शाजापुर एवं नीमच।
सिवनी वृत्त में सिवनी, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट।
सागर वृत्त में सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना एवं निवाड़ी।
रीवा वृत्त में रीवा, सतना, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया।
इनका कहना है :
अनुसंधान एवं विस्तार नाम सोशल फारेस्ट्री अभियान के अनुकूल नहीं था, इसलिये इसका नाम बदलकर सामाजिक वानिकी किया गया है। इससे जनमानस पर इसकी सही छबि निर्मित होगी।



- डॉ. नवीन जोशी

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