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व्यापमं :जिसने दाग लगायें, वही फिर से रोशन कर रहें ...

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1147

शिवराज अपना ही फैसला पलटेंगे
26 सितंबर 2020। यह भी अजीब संयोग है कि व्यापमं जिस शिवराज सरकार में ही कलंकित हुआ था, वापस उन्हीं की सरकार में रेगुलेट भी होने जा रहा है। कमलनाथ सरकार इसकी न फ़ाइल खुलवा सकी और ना ही उद्धार की कारक बन पाई।
देशभर में सुर्खिया बने व्यापम कांड के बाद व्यवसायिक परीक्षा मंडल को रेगुलेट करने की कवायद पिछली कमलनाथ सरकार ने प्रारंभ तो जरुर की परन्तु वे उसे कर नहीं पाई और अब शिवराज सरकार ने आकर इसे रेगुलेट कर दिया है।
अंग्रेजी के संक्षिप्त नाम से मशहूर पीईबी यानि व्यापम पहले स्वयं के अपने बनाये नियमों से संचालित होता था और इसी कारण से इसमें बड़े घोटाले हुये। पिछली कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में 29 जुलाई 2019 को व्यापम एक्ट 2007 की धारा 24 के तहत विभिन्न प्रकार के सोलह विनियम बनाये गये थे और इन पर एक माह के अंदर दावे-आपत्तियां जनसाधारण से मांगी गई थीं। लेकिन एक माह गुजरने के बाद भी इस पर कोई दावे एवं आपत्तियां नहीं आईं। लेकिन पिछली कमलनाथ सरकार ने व्यापम को पुराने ढर्रे पर ही चलने दिया तथा इन नये सोलह विनियमों को कई महिनों तक लागू नहीं किया और मार्च 2020 में नाथ सरकार बेदखल भी हो गई।
प्रदेश की सत्ता में पुन: आने पर शिवराज सरकार ने अब उक्त नये सोलह विनियमों को लागू कर दिया है। ये सोलह विनियम परीक्षाओं के संचालन, परीक्षा फीस, परीक्षा परिणामों का प्रकाशन, अंक सूची एवं अन्य प्रमाण-पत्र जारी करने, परीक्षा में अनुचित साधनों के अपनाने पर दण्ड, विशेषज्ञों की नियुक्ति, परीक्षा मानदेय, परीक्षा मानकों के निर्धारण, काउन्सिलिंग के आयोजन,
कौशल परख परीक्षा, परीक्षाओं का डेटाबेस तैयार करने, ऑनलाईन कैरियर काउन्सिलिंग, छात्रवृत्ति-पदक-पारितोषिक देने, टेस्ट बैंक का प्रकाशन करने, मंडल के वित्त पर नियंत्रण तथा मंडलकर्मियों की सेवा शर्तों के संबंध में हैं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि व्यापम एक्ट के तहत रेगुलेशन बनने की प्रक्रिया काफी लम्बे समय से चल रही थी। पिछले साल इसके ड्राफ्ट रुल्स भी जारी हुये थे। सवा साल बाद ये नये सोलह रेगुलेशन शासन स्तर से अब लागू कर दिये गये हैं तथा इन्हीं के अनुसार मंडल का संचालन किया जायेगा।




- डॉ. नवीन जोशी

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