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नगरीय निकायों में सम्पत्ति कर कलेक्टर गाईड लाईन के हिसाब से लगेगा

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1311

जारी हुआ नया अध्यादेश
1 अक्टूबर 2020। प्रदेश के नगरीय निकायों में अब सम्पत्ति कर कलेक्टर गाईड लाईन की दरों के हिसाब से लगेगा। पहले यह वार्षिक भाड़ा मूल्य के आधार पर लगता था। इस संबंध में शिवराज सरकार ने मप्र नगरपालिका विधि द्वितीय संशोधन अध्यादेश जारी कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में सम्पत्ति कर वार्षिक भाड़ा मूल्य के आधार पर लगता था। यह सालों तक बदलता ही नहीं था और हर साल एक ही दर पर सम्पत्ति कर चुकाना होता था। परन्तु अब यह सम्पत्ति कर कलेक्टर गाईड लाईन के हिसाब से तय सम्पत्ति के मूल्य पर लिया जायेगा क्योंकि हर साल कलेक्टर गाईड लाईन में बदलाव होता रहता है। इससे नगरीय निकायों की आय भी बढ़ेगी और उनकी माली हालत में सुधार भी होगा।
अध्यादेश में निर्मित क्षेत्र को भी स्पष्ट कर दिया गया है। पहले सम्पत्ति कर के निर्धारण हेतु निर्मित क्षेत्र को बिल्टअप एरिया कहा जाता था परन्तु अब यह कन्स्ट्रक्टड एरिया कहलायेगा। इसी प्रकार, अब सम्पत्ति कर में पचास प्रतिशत तक छूट तब दी जायेगी जबकि सम्पत्ति कर की अदायगी उसी वित्तीय वर्ष के अंदर कर दी जाती है।
अध्यादेश में नगरीय निकायों के आयुक्तों/सीएमओ को अधिकार दिये गये हैं कि वे सम्पत्ति कर निर्धारण के मामलों में किसी भी भूमि या भवन की कर योग्य सम्पत्ति के मूल्य की जांच, सत्यापन, परीक्षण अथवा निर्धारण कर सकेंगे। यदि कर निर्धारण में दस प्रतिशत से ज्यादा हेरफेर नहीं है तो आयुक्त/सीएमओ कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। लेकिन हेरफेर दस प्रतिशत से ज्यादा है तो आयुक्त/सीएमओ कर निर्धारण के अंतर के पांच गुना के बराबर शास्ति लगा सकेंगे। इसी प्रकार, आयुक्तों/सीएमओ के कर निर्धारण आदेश के आदेश के खिलाफ अपील तब तक स्वीकार नहीं की जायेगी जबकि व्यक्ति निर्धारित कर की पचास प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं कर देता है।
अध्यादेश में नगरपालिकाओं एवं नगर परिषदों में भी आउटडोर मीडिया उपकरणों (होर्डिंग्स आदि) के प्रदर्शन के विनियमन हेतु फीस लगाने के अधिकार दिये गये हैं।
दस प्रतिशत से ज्यादा भार नहीं डाला जायेगा :
सम्पत्ति कर का निर्धारण कलेक्टर गाईड लाईन से करने के बावजूद भी सरकार ने अफसरों से कहा है कि आम जनता पर कर का भार दस प्रतिशत से ज्यादा नहीं आये। इस अध्यादेश के बाद नगरीय प्रशासन विभाग नियम जारी करेगा तथा अगले वित्त वर्ष से ये नये प्रावधान लागू किये जायेंगे।



- डॉ. नवीन जोशी

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