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बिना अभियोजन अधिकारियों से परीक्षण

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1189

कराये पुलिस सीधे पेश कर रही चालान

भोपाल 20 नवंबर 2020। प्रदेश की पुलिस बिना अभियोजन अधिकारियों से दर्ज प्रकरणों का परीक्षण कराये सीधे न्यायालय में चालान पेश कर रही है जिससे आरोपियों को जमानत मिल रही है एवं दोषमुक्ति भी हो रही है। इसकी लिखित शिकायतें अभियोजन अधिकारियों द्वारा की गई हैं।
लोक अभियोजन संचालनालय के निदेशक विजय यादव ने इस मामले को संज्ञान में लेकर डीजीपी को पत्र लिखा है कि अजाजजा अत्याचार कानून के तहत दर्ज आपराधिक प्रकरणों को बिना विधिक संवीक्षा के विशेष न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है जिससे प्रकरणों पर विपरीत प्रभाव पडऩे से आरोपियों को दोषमुक्ति का लाभ मिल रहा है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के न्याय सिदधन्त के भी विपरीत है। इसलिये प्रकरणों में गुणवत्ता पूर्ण अभियोजन एवं अनुसंधान कार्यवाही हेतु यह आवश्यक है कि प्रकरणों के अनुसंधान के दौरान एवं अभियोजन प्रस्तुति के स्तर पर विधिक संवीक्षा अभियोजन अधिकारी के माध्यम से कराई जाये जिससे संभावित विधिक त्रुटियों को दूर किया जा सके।
लोक अभियोजन निदेशक ने डीजीपी को दो शिकायती प्रकरणों का हवाला भी दिया है। जिला मुरैना के उप संचालक अभियोजन ने एसपी अजाक चम्बल जोन से दो शिकायतें की हैं। पहली शिकायत में कहा गया है कि मुरैना जिले के थाना सबलगढ़ द्वारा यौन शोषण के मामले में बिना अभियोजन अधिकारी से स्क्रूटनी कराये न्यायालय में चालान पेश कर दिया जिसमें सही धारायें नहीं लगाई गई हैं एवं डीएनए रिपोर्ट भी चालान के साथ पेश नहीं की गई है जिससे आरोपी दोषमुक्त हो जायेगा। इसी प्रकार, मुरैना जिले के थाना चिन्नौनी द्वारा छेड़छाड़ के मामले में भ्ीी बिना स्क्रूटनी कराये कोर्ट में चालान पेश किया गया जिसमें अनेक त्रुटियां थीं जिससे आरोपी को जमानत मिल गई।

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