गौण खनिज नियम में 24 साल बाद संशोधन हुआ
3 मार्च 2021। अब प्रदेश के जलाशयों को साफ करने के लिये उसमें से गाद निकालने के दौरान मिली रेत पर खनिज विभाग रायल्टी वसूलेगा। इसके लिये चौबीस साल पहले बने मप्र गौण खनिज नियम 1996 में संशोधन कर उसे प्रभावशील कर दिया गया है।
नये प्रावधान के अनुसार, यदि किसी संबंधित शासकीय विभाग की अनुमति से सरकारी तालाब, बांध, नहर, स्टापडेम, जल निकाय से कीचड़ यानि गाद निकाली जाती है और ऐसी निकाली गई गाद का संबंधित शासकीय विभाग स्वयं के विभागीय कार्यों में पूणर्त: उपयोग में लाता है तो ऐसी गाद पर कोई रायल्टी देय नहीं होगी। साथ ही ऐसी निकाली गई गाद के परिवहन के लिये कोई अनुज्ञा प्राप्त करने की जरुरत नहीं होगी। परन्तु संबंधित शासकीय विभाग ऐसी गाद का विक्रय नहीं कर सकेगा और न ही किसी को विक्रय की अनुमति दे सकेगा। साथ ही ऐसी गाद की यदि कृषकों को गैर व्यवसायिक प्रयोजन के लिये आवश्यकता है तो कृषक के आवेदन पर संबंधित शासकीय विभाग नि:शुल्क गाद ले जाने की अनुमति दे सकेगा और कृषकों को न ही इस पर रायल्टी देना होगी और न ही परिवहन अनुज्ञा लेनी होगी।
नये प्रावधान में कहा गया है कि यदि गाद के साथ रेत निकलती है तो ऐसी निकाली गई रेत पर खनिज विभाग के नियमों के अनुसार रायल्टी देनी होगी।
दरें बढ़ाईं :
राज्य सरकार ने साधारण रेत बजरी पर रायल्टी कर दर सवा सौ रुपये प्रति घनमीटर कर दी है जबकि डेड रेंट दूसरे वर्ष से 30 हजार रुपये के स्थान पर 40 हजार रुपये कर दिया है। चीनी मिट्टी पर 60, डायस्पोर पर 390, डोलोमाईट पर 100, केलसाइट पर 90, लेटेराइट पर 80, चूना कंकड़ पर 110,
पायोरोफाइलाइट पर 200, ऑकर पर 50, क्वार्टज पर 60, क्वार्टजाइट पर 105, शेल पर 90, सिलिका बालू पर 50, स्टोटाइट पर 150 तथा अन्य गौण खनिज पर 135 प्रति टन की नई रायल्टी दरें तय कर दी हैं।
- डॉ. नवीन जोशी
अब जलाशय की गाद निकालने से मिली रेत पर रायल्टी ली जायेगी
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1260
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