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भोपालवासी देखें हुनर हाट में आए कारीगरों का हुनर : मुख्यमंत्री श्री चौहान

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1371

31 राज्यों के 250 स्टॉलों पर है क्राफ्ट कुज़ीन और कल्चर का संगम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाल परेड ग्राउंड में किया हुनर हाट का शुभारंभ
कौशल के कद्रदानों का कुंभ साबित होगा हुनर हाट - केन्द्रीय मंत्री श्री नकवी

13 मार्च 2021, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल हुनरमंदों की कद्र जानता है। हुनर हाट में आए देश के 31 राज्यों के कारीगरों को भोपाल की जनता से भरपूर सराहना मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपालवासियों से अपील की कि वे शहर में आए कलाकारों के हुनर को जरूर देखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान लाल परेड मैदान में हुनर हाट का शुभारंभ कर रहे थे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित थे।

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने किया हुनर हाट का आयोजन

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित क्राफ्ट, कुज़ीन और कल्चर के संगम हुनर हाट में 31 राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर आये हैं। हाट में कुल 250 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 210 विभिन्न उत्पादों के और 40 स्टॉल खान-पान के हैं। मध्यप्रदेश के 15 शिल्पी भी हुनर हाट में भाग ले रहे हैं।

हुनर हाट से बनेंगे आत्म-निर्भर कारीगर और दस्तकार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मेन ऑफ आइडियाज़ हैं। कोरोना के कठिन काल में उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का संकल्प दिया। इससे प्रेरित होते हुए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप विकसित कर प्रदेश में कार्य जारी है। आत्म-निर्भर भारत "वोकल फॉर लोकल" के बिना संभव नहीं हो सकता। लोकल उत्पाद की पहचान कारीगरों पर ही निर्भर है। हुनर हाट कारीगरों की कला के प्रकटीकरण और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने का सशक्त माध्यम है। ऐसे मंचों से ही आत्म-निर्भर कारीगर और आत्म-निर्भर दस्तकार बन सकेंगे। यह हाट देश की एकता, आपसी मेल-जोल और कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने का मौका भी देता है। ऐसे ही प्रयासों से कारीगरों के उत्पादों की पहचान वैश्विक स्तर पर बन सकेगी।

मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगे हुनर हाट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री नकवी से प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के किसी एक शहर में हुनर हाट लगाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प की भारत में समृद्ध परंपरा रही है। जब पश्चिम के देश कपड़ा निर्माण में आरंभिक अवस्था में थे, तब हमारे कारीगरों ने ढाका की मलमल बना कर अपने हुनर को स्थापित कर दिया था। कारीगरों ने कोरोना काल में भी समाज की बहुत मदद की है। मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।

अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियों के लिए माना आभार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश को 358 करोड़ रुपये जारी करने और 1 लाख 61 हजार 710 अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्तियाँ प्रदान करने के लिए केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री नकवी का आभार माना।

स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है हुनर हाट

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दस्तकारों, शिल्पकारों की स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है। यह आत्म-निर्भर भारत और समावेशी विकास के संकल्प को पूरा करता है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट में भाग ले रहे शिल्पकारों के उत्पाद ई-पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल का हुनर हाट कौशल के कद्रदानों का कुंभ साबित होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पी तंदूरी चाय

केन्द्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हुनर हाट की जानकारी देते हुए बताया कि कारीगरों के उत्पाद के साथ-साथ खान-पान के भी विविध स्टॉल यहाँ मौजूद हैं। इसमें तंदूरी चाय की उन्होंने विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तंदूरी रोटी का तो सुना है पर तंदूरी चाय के बारे में पहली बार सुन रहा हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समापन-सत्र के बाद तंदूरी चाय के स्टाल पर जाकर चाय पी। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी तंदूरी चाय का जायका लिया। हुनर हाट आगमन पर नृत्य-संगीत के साथ मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत किया गया। उन्होंने विभिन्न स्टालों पर जाकर कारीगरों से बातचीत भी की।

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