12 अप्रैल 2021 ।शिवराज सरकार ने विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों के विक्रय में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों एवं परेशानियों को दूर किया है तथा इसके लिये वर्ष 2018 में बने नियमों में संशोधन कर दिया है जो लागू हो गये हैं।
नये प्रावधानों के अनुसार, अब पट्टे पर दी गई भूमि पर भू-स्वामी अधिकार दिया जा सकेगा जिसमें आवासीय, सार्वजनिक एवं अर्ध सार्वजनिक तथा औद्योगिक प्रयोजन हेतु 2 प्रतिशत एवं वाणिज्यिक व आवासीय सह वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु बाजार मूल्य के 3 प्रतिशत कलेक्टर गाईडलाईन के अनुसार शुल्क लिया जायेगा।
इसी प्रकार, प्राधिकरण की पूर्ण विकसित सम्पत्ति को आठ त्रैमासिक किश्तों पर दिया जा सकेगा और किश्तों पर दस प्रतिशत ब्याज लिया जा सकेगा। ईडब्ल्युएस भवन या भूखण्डों को पांच के बजाये सात वर्ष की किश्तों पर दिया जा सकेगा।
रेसीडेन्ट वेलफेयर एसोसियेशन बनने तक प्राधिकरण मेन्टीनेंस चार्ज लेता रहेगा।
बहुमंजिली भवन में फ्लेटों में रह रहे सभी स्वामियों को भवन की भूमि का मालिकाना हक आनुपातिक रुप से मिल सकेगा। यदि आवंटित भूमि पर पांच वर्ष के अंदर न्यूनतम दस प्रतिशत निर्माण कार्य नहीं किया तो न्यूनतम निर्माण कार्य पूर्ण होने तक प्राधिकरण सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर के स्थान पर 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर अर्थदण्ड लेगा। आवंटिती को उसके पारिवारिक सदस्यों जैसे माता, पिता, पति/पत्नी, पुत्र, पुत्री, बहन, भाई के नाम आवंटन आदेश में जोडऩे का अधिकार होगा तथा ऐसे नाम एक हजार रुपये शुल्क लेकर जोड़े जा सकेंगे।
यदि सम्पत्ति की लॉटरी निकलने के पूर्व आवेदन वापस लिया जाता है तो आवेदे से पंजीकरण की राशि में से बीस प्रतिशत की कटौति कर उसे वापस कर दी जायेगी।
एक नया उपबंध यह भी किया गया है कि नीलामी वाली सम्पत्तियों की तीन बार बोली लगाने के बाद सक्षम अधिकारी सम्पत्ति के आरक्षित मूल्य में साठ प्रतिशत तक की कमी कर सकेगा। पहले 75 प्रतिशत कमी करने का प्रावधान था।
डॉ. नवीन जोशी
विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों के विक्रय में आने वाली परेशानियां दूर
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Bhopal 👤By: DD Views: 1334
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