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प्रदेश के आठ जिला संग्रहालयों में अब प्रवेश शुल्क लिया जायेगा

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1457

18 मई 2021। प्रदेश के आठ जिला संग्रहालयों में अब दर्शकों से प्रवेश शुल्क लिया जायेगा। ये आठों जिला संग्रहालय संबंधित जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में बने जिला पुरातत्व संघों द्वारा संचालित हो रहे हैं। इन संग्रहालयों के रखरखाव और आय बढ़ाने के लिये यह प्रवेश शुल्क लगाया गया है।
राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिला पुरातत्व संघों द्वारा स्थापित संग्रहालयों यथा मुरैना, भिण्ड, दतिया, सागर, दमोह, सिवनी, रतलाम एवं छप्पन महल माण्डू जिला धार में पुरातत्व विभाग के जिला संग्रहालयों के समान टिकिट दर भारतीय नागरिक से 10 रुपये, विदेशी नागरिक से 100 रुपये, स्टिल कैमरे के लिये 100 रुपये एवं वीडियो कैमरे के लिये 400 रुपये वसूली जायेगी।
छप्पन महल माण्डू जिला धार में पहले भी प्रवेश शुल्क लगता था परन्तु इसकी वसूली साडा करता था। परन्तु अब इस स्थल का संचालन जिला पुरातत्व संघ द्वारा किया जा रहा है। इसलिये वहां के संघ को प्रवेश शुल्क वसूलने के अधिकार देने के लिये उसे भी शामिल किया गया है। प्रवेश शुल्क की आय का साध्न निर्मित होने से अब उक्त आठों स्थलों पर जिला पुरातत्व संघों द्वारा समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी वहां आयोजित किये जा सकेंगे। इन्हें राज्य पुरातत्व कार्यालय द्वारा अनुदान भी दिया जाता है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि आठ जिलों में जिला पुरातत्व संघों द्वारा संचालित संग्रहालयों में अब प्रवेश शुल्क लगेगा। इससे इनके रखरखाव एवं सांस्कृतिक आयोजन में सहुलियत होगी।

दो पुलिसकर्मियों के मरने पर चेस्ट सीटी स्केन कराने के निर्देश

भोपाल।पुलिस मुख्यालय ने सभी जोनल आईजी एवं जिला पुलिस अधीक्षकों, होमगार्ड सेनानियों एवं रेल पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर कहा है कि पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना के सिम्प्टोमेटिक लक्षण या इनके समान लक्षण प्रकट होने पर संबंधितों के चेस्ट सीटी स्केन करायें। यह कार्य इकाई प्रमुख की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।
निर्देश में बताया गया है कि प्रदेश की कई इकाईयों में कार्यरत पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को कोरोना के सिम्प्टोमेटिक लक्षण जैसे सर्दी, बुखार, श्वास लेने में दिक्कत, स्वाद व गंध का आना-चला जाना प्रदर्शित होने पर चेस्ट सीटी स्केन नहीं करवाया जा रहा है। परिणामस्वरुप समय रहते हुये कोविड-19 संक्रमण का सही आंकलन न होने से गंभीर परिणाम प्रगट हो रहे हैं। प्रदेश की एक इकाई के दो पुलिसकर्मियों में इस प्रकार के लक्षण परिलक्षित होने पर भी चेस्ट सीटी स्केन नहीं कराया गया जिसके परिणामस्वरुप स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परिस्थितियां निर्मित हुईं एवं उन्हें नहीं बचाया जा सका।



डॉ. नवीन जोशी

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