19 जुलाई 2021। प्रदेश में 100 किलोवाट से ज्यादा की बिजली का उपयोग करने वाले नये भवनों एवं शापिंग माल्स को आगामी 1 नवम्बर 2021 से ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता का पालन करना होगा। इसके तहत उन्हें ग्लोबल वार्मिग से उत्पन्न जलवायु विषमता की समस्या से निपटने के लिये बिजली की खपत कम करने, सुरक्षा प्रदान करने वाले उपकरणों को लगाना होगा तथा पर्याप्त प्राकृति रोशनी के लिये ग्रीन बिल्डिंग बनाना होगी।
दरअसल केंद्र सरकार ने भी ऐसी ही संहिता वर्ष 2018 में बनाई हुई है। इसके कार्यान्वयन के लिये ही राज्य सरकार अपनी संहिता बनाई है। यह संहिता वर्तमान भवनों पर नहीं लागू होगी बल्कि 1 नवम्बर 2021 से बने नये भवनों एवं शापिंग माल्स पर लागू होगी। इस संहिता का पालन न करने पर पहले साल सिर्फ चेतावनी दी जायेगी तथा इसके बाद भी संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपये से लेेकर 2 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जायेगा।
राज्य के नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जारी नई संहिता के अनुसार, स्थानीय निकाय से बिल्डिंग परमीशन के लिये आर्किटेक्ट के नक्शे के अलावा ऊर्जा दक्षता वाले आर्किंटेक्ट से भी नक्शा अप्रूव करना होगा। इस संहिता के सुचारु संचालन, क्रियान्वयन एवं प्रवर्तन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। यह समिति हर पांच साल में ऐसे भवनों की समीक्षा करेगी कि उनमें ऊर्जा दक्षता के सभी प्रावधानों का पालन हो रहा है या नहीं। संहिता के तहत तकनीकी शिकायत निवारण समिति भी गठित होगी जिसमें नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी अध्यक्ष होंगे।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि नवीन ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता जारी की गई है जिसे 1 नवम्बर 2021 से लागू किया जायेगा। यह सौ किलोवाट से अधिक की बिजली का उपयोग करने वाले भवनों पर ही लागू होगी। संहिता के तहत ऊर्जा दक्षता एवं ग्रीन बिल्डिंग के कन्सेप्ट का पालन करना होगा अन्यथा जुर्माना वसूला जायेगा।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र में नये भवनों एवं शापिंग माल्स को 1 नवम्बर से करना होगा ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता का पालन
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