भोपाल 3 सितंबर 2021। राज्यपाल से अपील करने पर राज्य के जल संसाधन विभाग के एक अधीक्षण यंत्री का न केवल वेतनवृध्दि रोकने का दण्ड खत्म हुआ बल्कि ढाई साल निलम्बित रहने की अवधि का पूरा वेतन भी मिल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नर्मदा विकास संभाग, खरगौन पर इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर के कार्य के टर्न-की अनुबंध के ठेकेदार मेसर्स गायत्री बीसीपीपीएल संयुक्त उपक्रम को 3 करोड़ 3 लाख रुपयों करोड़ का वित्तीय लाभ पहुंचाने, महालेखाकार की अंकेक्षण आपत्ति के बावजूद ठेकेदार को भुगतान करते रहने और केवल 1 करोड़ 8 लाख रुपयों की वसूली करने, संभागीय लेखापाल की आपत्ति के बाद भी ठेकेदार से धनराशि की पूरी वसूली नहीं करने आदि गंभीर अनियमितताओं के लिये प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर अधीक्षण यंत्री व्हीके देवड़ा 26 जून 2014 से निलंबित किया गया था। प्रकरण के प्रचलित रहते देवड़ा को 29 नवम्बर 2016 को निलंबन से बहाल किया गया।
4 अगस्त 2014 को देवड़ा के विरूद्ध सिविल सेवा नियम के अंतर्गत उनकी दो वार्षिक वेतनवृद्वि संचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित कर प्रकरण समाप्त किया गया, किन्तु देवड़ा की निलंबन अवधि का निराकरण नहीं किया गया। इस वेतनवृध्दि को रोकने के दण्डादेश के विरूद्ध देवड़ा द्वारा राज्यपाल से अपील की गई जिस पर जल संसाधन विभाग ने अब दण्डादेश खत्म कर भविष्य के लिये चेतावनी देते हुए दोष मुक्त कर दिया। यही नहीं, देवड़ा की निलंबन अवधि को कर्तव्य पर व्यतीत अवधि मान्य कर, निलंबन अवधि के संपूर्ण वेतन भत्ते (निलबंन अवधि में भुगतान किये गये जीवन निर्वाह भत्ते की राशि का समायोजन कर) का भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- डॉ. नवीन जोशी
राज्यपाल से अपील करने पर न केवल वेतनवृध्दि रोकने का दण्ड खत्म हुआ बल्कि निलम्बन अवधि का वेतन भी मिलेगा
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