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अब नगरीय क्षेत्रों की कृषि भूमियों पर नहीं लगेगा सम्पत्ति कर

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1477

डॉ. नवीन जोशी

भोपाल 9 सितंबर 2021। प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्थित कृषि भूमियों पर अब सम्पत्ति कर नहीं लगेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने एक साल पहले बनाये मप्र नगरपालिका भवनों एवं भूमियों के कर योग्य संपत्ति मूल्य का निर्धारण नियम 2000 में बदलाव कर दिया है।
दरअसल उक्त नियमों में प्रावधान था कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्थित सभी भवनों एवं भूमियों पर हर साल रिवाईस होने वाली कलेक्टर गाईड लाईन के हिसाब से सम्पत्ति कर में बढ़ौत्तरी होगी। कलेक्टर गाईड लाईन बाजार मूल्य बढऩे के कारण रिवाईस होती है। नियमों में प्रावधान था कि यदि कलेक्टर गाईड लजाईन में सम्पत्ति का मूल्य दस प्रतिशत से अधिक बढ़ता है तो सम्पत्ति कर में सिर्फ दस प्रतिशत तक ही वृध्दि की जायेगी। यदि गाईड लाईन के हिसाब से किसी वर्ष सम्पत्तियों का मूल्य नहीं बढ़ता है तो सम्पत्ति कर वही रहेगा जो पिछले वर्ष में था। इन सम्पत्तियों में कृषि भूमियां भी आ गई थीं जिससे उन पर खेती करने वाले किसानों के लिये खेती करने की लागत बढ़ रही थी।
इसी लिये अब राज्य सरकार ने उक्त नियमों में प्रावधान कर दिया है कि यदि नगरीय क्षेत्र में ऐसी भूमि, जिस पर कृषि हो रही है, कर योग्य सम्पत्ति मूल्य की गणना के प्रयोजन से मुक्त रहेगी। इस प्रावधान से अब नगरीय क्षेत्रों की खेती वाली कृषि भूमियों पर अब न ही सम्पत्ति कर लगेगा और न ही हर साल कलेक्टर गाईड लाईन के हिसाब से बढऩे वाले सम्पत्ति कर की वसूली होगी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि वर्ष 1997 में राज्य सरकार ने नगरीय क्षेत्रों की कृषि भूमियों को सम्पत्ति कर के भुगतान से छूट प्रदान की थी। 28 सितम्बर 2020 को प्रभावश्ील मप्र नगरपालिका भवनों एवं भूमियों के कर योग्य संपत्ति मूल्य का निर्धारण नियम के कारण नगरीय क्षेत्रों की कृषि भूमियां भी आ गई थीं ये भी सम्पत्ति कर के दायरे में आ गई थीं। इसीलिये अब नियमों में बदलाव कर कृषि भूमि को सम्पत्ति कर से छूट प्रदान कर दी गई है। इन पर अब न ही सम्पत्ति कर लगेगा और न ही इसमें कलेक्टर गाईड लाईन के हिसाब से बढ़ौत्तरी होगी।

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