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सियासी बदलाव ने राज्य के उद्धार से जुड़े मूलभूत विचार को भी बदल दिया...

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1268

कमलनाथ का वादा टूटा, शिवराज नहीं बना रहे 3 नए जिले
जनता की आस को ठेस, मेहर, चाचौड़ा और नागदा जिले ठंडे बस्ते में
भोपाल 20 सितंबर 2021। मध्य प्रदेश में सियासी बदलाव के साथ ही कई योजनाएं बदल गई, कुछ सैद्धांतिक परिवर्तन भी हुए। राज्य के विकास की रफ्तार भले न रुकी हो किंतु मूलभूत विचार में परिवर्तन होने से उद्धार के रास्ते तो अवरुद्ध हो ही गये। राज्य में बनने वाले 3 नए जिले फिलहाल प्रभावशील होंगे यह भी संभव नहीं है ।
प्रदेश में तीन नये जिले बनाने का निर्णय ठण्डे बस्ते में चला गया है। पिछली कमलनाथ सरकार ने 18 मार्च 2020 को तीन नये जिलों चाचौड़ा, नागदा और मैहर के गठन के लिये सैध्दान्तिक सहमति दी थी।बाद में शिवराज सरकार के आने पर छह माह पूर्व तक के केबिनेट निर्णयों की समीक्षा हेतु 23 मार्च 2020 को गठित केबिनेट कमेटी ने अब निर्णय लिया है कि तीन जिलों के गठन के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग द्वारा पुन: परीक्षण कर आवश्यक्ता होने पर वर्तमान केबिनेट के समक्ष पुन: प्रस्ताव लायें। लेकिन केबिनेट कमेटी इस निर्णय के बाद कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके कारण अब इन तीनों नये जिलों के गठन का मामला ठण्डे बस्ते में चला गया है। विधायक नारायण त्रिपाठी ने मैहर (सतना), विधायक लक्ष्मण सिंह ने चाचौड़ा (गुना) तथा विधायक दिलीप सिंह गुर्जर ने नागदा (उज्जैन) को जिला बनाने की मांग की थी।

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