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व्यापारी अब कृषि उपज मंडी में जमा प्रतिभूति से अधिक उपज क्रय नहीं कर सकेंगे

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2168

डॉ. नवीन जोशी

भोपाल 24 जून 2022। प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापाीगण अब जमा प्रतिभूति से अधिक उपज क्रय नहीं कर सकेंगे तथा अधिक क्रय की गई उपज की मंडी से निकासी का अनुज्ञा-पत्र भी जारी नहीं होगा। इसके लिये राज्य मंडी बोर्ड अपने ई-अनुज्ञाा पोर्टल पर नई व्यवस्ािा करने जा रहा है। ऐसा इसलिये किया जा रहा है ताकि व्यापारी के डिफाल्टर यानि किसानों को उनकी उपज का भुगतान न करने की स्थिति निर्मित न हो। जल्द यह नई व्यवस्था लागू कर दी जायेगी।
बोर्ड ने इस संबंध में जो कार्यवाही प्रस्तावित की है, उसके अनुसार, वर्तमान में कृषि उपज का व्यवसाय करने वाले व्यापारी को अनुज्ञप्ति आवेदन के साथ प्रारूप छ: में एक दिन की अधिकतम खरीदी क्षमता के प्रस्तुत घोषणा पत्र के आधार पर प्रतिभूति देने का नियम है, परन्तु यह देखने में आया है कि अधिकांश व्यापारियों द्वारा सीजन में अपनी एक दिन की घोषित क्रय क्षमता से बहुत अधिक मूल्य की कृषि उपज की खरीदी की जाती है। ऐसी स्थिति में व्यापारी के डिफाल्टर होने पर विक्रेताओं के विक्रय मूल्य का भुगतान उसकी प्रतिभूति से नही हो पाता है। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि अधिकांशत: व्यापारी संघों द्वारा अपने सदस्यों के लिये जो सामूहिक प्रतिभूति दी जाती है उसमें संबंधित व्यापारी की अनुज्ञप्ति के एक दिन की खरीदी की घोषित क्रय क्षमता की सीमा तक का ही जोखिम कवर किया जाता है। इसलिये किसी व्यापारी के डिफाल्टर होने पर विक्रेताओं को देय सम्पूर्ण राशि की वसूली सामूहिक प्रतिभूति से नहीं हो पाती है।
प्रस्ताव में नई व्यवस्था के बारे में कहा गया है कि व्यक्तिगत प्रतिभूति के अंतर्गत ई-अनुज्ञा पोर्टल से संबंधित व्यापारी द्वारा एक दिन में कृषि उपज की अधिकतम खरीदी के मूल्य के आधार पर पुन: निर्धारित की जाये। प्रत्येक व्यापारी द्वारा मंडी में जमा की गई व्यक्तिगत प्रतिभूति अथवा सामूहिक प्रतिभूति (जैसी स्थिति हो) पोर्टल पर प्रदर्शित हो। व्यापारियों द्वारा विभिन्न सीजन में खरीदी की मात्रा/मूल्य परिवर्तित होता रहता है, जिसको दृष्टिगत रखते ह्ये प्रत्येक तिमाही (अप्रैल-जून, जुलाई-सितम्बर, अक्टूबर-दिसम्बर, जनवरीमार्च) में ई-अनुज्ञा पोर्टल में दर्ज एक दिन की अधिकतम खरीदी मूल्य के अनुसार व्यापारी को अंतर की प्रतिभूति, संबंधित तिमाही के प्रथम माह की 15 तारिख तक, जमा कराई जाये। ई-अनुज्ञा पोर्टल में व्यवस्था की जाना प्रस्तावित है कि व्यापारी की प्रतिभूति की राशि से अधिक मूल्य की खरीदी दर्ज नहीं हो सके। इसी प्रकार प्रतिभूति की राशि से अधिक कीमत की कृषि उपज के निकासी हेतु अनुज्ञा पत्र भी जारी नहीं हो सकेगे। जब तक कि संबंधित व्यापारी द्वारा अतंर की राशि की प्रतिभूति जमा नहीं करा दी जाती है। इसका मंडी सचिव द्वारा सत्यापन करने पर ही उक्त दोनो प्रकार के संव्यवहार दर्ज होने की ऑटोमेटिक व्यवस्था पोर्टल पर करना प्रस्तावित है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि सामूहिक प्रतिभूति के अंतर्गत प्रारंभ में व्यापारी संघ द्वारा जिन सदस्यों के लिये सामूहिक प्रतिभूति दी गई है उन सभी सदस्यों की एक दिन की घोषित क्रय क्षमता की राशि का न्यूनतम 50 प्रतिशत जमा करना अनिवार्य होगा, जो कि आगामी तिमाही में सभी सदस्यों के एक दिन की अधिकतम खरीदी की राशि के आधार पर पुर्ननिर्धारित की जायेगी। व्यापारी संघ की सामूहिक प्रतिभूति में नये सदस्यों/अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों के शामिल होने पर प्रतिभूति की सीमा उपरोक्तानुसार पुर्ननिर्धारित हो जायेगी। व्यापारी संघ द्वारा सामूहिक प्रतिभूति से अपने सदस्य/व्यापारी के डिफाल्टर होने पर सम्पूर्ण देय विक्रय मूल्य और मंडी को शोध्य अन्य सभी व्यतीक्रम राशि की वसूली हेतु सहमति देना अनिवार्य होगा।

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