भोपाल 19 जुलाई 2022। केंद्र सरकार ने मप्र के शिवपुरी जिले में स्थित करैरा अभयारण्य को डिनोटिफाई करने की अनुमति दे दी है। अब नगरीय एवं पंचायत आम चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने पर राज्य का वन विभाग इसे डिनोटिफाई करने की अधिसूचना जारी कर देगा। इससे अभयारण्य में आने वाले तीन दर्जन गांवों के लोगों को राहत मिल गई है तथा अब वे अपनी अचल सम्पत्ति का क्रय-विक्रय कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि जिला शिवपुरी में दुर्लभ पक्षी सोन चिडिय़ा (ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड) के संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 1981 में 202.12 वर्ग किमी राजस्व क्षेत्र को करैरा अभ्यारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। उक्त क्षेत्र में सोन चिडिय़ा विलुप्त हो चुकी है। संरक्षित क्षेत्र होने से ग्रामीणों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। स्थानीय ग्रामीणों की समस्या निराकरण के लिये उक्त अभयारण्य को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव राज्य राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 9 जून 2008 को आयोजित बैठक में रखा गया जिसे स्वीकृत कर लिया गया। डिनोटिफाई करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार के वन्यप्राणी बोर्ड की अनुमति हेतु प्रेषित किया गया था जिसकी 12 अप्रैल 2010 को आयोजित बैठक में करैरा अभयारण्य को डिनोटिफाई करने की सशर्त अनुमति दे दी। लेकिन डिनोटिफिकेशन हेतु उस समय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक थी। इसलिये राज्य शासन की ओर से अभयारण्य के डिनोटिफिकेशन हेतु सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उक्त याचिका के निराकरण हेतु केन्द्रीय साधिकार समिति को प्रकरण सौंपा गया था।
राज्य शासन दवारा 12 अक्टूबर 2018 से करैरा अभयारण्य को खत्म करने के लिये क्षतिपूरक व्यवस्था के अंतर्गत कूनो अभयारण्य के 344.686 वर्ग किमी क्षेत्र में कूनो वन्यप्राणी वनमण्डल का 404.0758 वर्ग किमी वनक्षेत्र जोड़ते हए कुल 748.7618 वर्ग किमी क्षेत्र को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया। अब केंद्र के वन्य प्राणी बोर्ड ने करैरा अभयारण्य के डिनोटिफिकेशन के लिये स्वीकृति प्रदानल कर दी है।
डॉ. नवीन जोशी
केंद्र ने दी मप्र के करैरा अभयारण्य को डिनोटिफाई करने की अनुमति
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Bhopal 👤By: DD Views: 1564
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