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वन कार्यालयों के डीडीओ आडिट के समय अपेक्षित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर रहे हैं

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1451

भोपाल 21 जुलाई 2022। प्रदेशभर में स्थित वन विभाग के विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ आहरण एवं वितरण अधिकारी यानि डीडीओ भारत के महालेखापरीक्षक के यहां से भेजे अंकेक्षण दलों को अपेक्षित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर रहे हैं। इस बात पर वन मुख्यालय ने आपत्ति की है तथा सभी डीडीओ को आडिट के समय वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये हैं।
एपीसीसीएफ वित्त एचयू खान द्वारा निर्देशों में कहा गया है कि महालेखाकार द्वारा किये जाने वाले अंकेक्षण/आंतरिक लेखा परीक्षण/विभागीय लेखा परीक्षण दलों को कार्यालय प्रमुख द्वारा समस्त अभिलेख परीक्षण हेतु उपलब्ध कराये जाना है। इसके बाद भी आहरण संवितरण अधिकारियों के द्वारा लेखा परीक्षणों के समय अंकेक्षण दलों को समस्त वांछित अभिलेख अंकेक्षण दल को प्रस्तुत नही किये जाते हैं। इसलिये लेखा परीक्षण दलों को उनके चाहे अनुसार अभिलेख उपलब्ध कराये जायें।
खान ने सभी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षकों से कहा है कि उनके अधीनस्थ कार्यालयों के निरीक्षण/आंतरिक लेखा परीक्षण/विभागीय लेखा परीक्षण के समय समस्त अभिलेख उपलब्ध करायें। यदि डीडीओ एवं संबंधित कर्मचारी द्वारा अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये जाते हैं तो उनके विरूद्ध अनुशसानत्मक कार्यवाही करेेंं। ये कमियां बताईं :
खान ने आडिट के समय होने वाली कमियां भी बताई हैं। निर्देश में बताया गया है कि अंकेक्षण दल को वांछित अभिलेख भुगतान व्हाउचर यथासमय उपलब्ध नहीं कराया जाना गंभीर वित्तीय अनियमितता है। यदि भविष्य में समस्त भुगतान व्हाउचर परीक्षण हेतु उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं तो यह माना जायेगा कि ऐसे अप्रस्तुत प्रमाणक मप्र भंडार क्रय सेवा उपार्जन नियम 2015 के प्रावधानों, बजट मेनुअल एवं वित्तीय अनियमितता होने के अनुसार प्रस्तुत नहीं किये गये हं तथा यह समस्त अप्रस्तुत भुगतान व्हाउचर अनियमित क्रय की श्रेणी के हैं। इस अनियमित क्रय हेतु संलग्न सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही की जाये। इसके अलावा, उक्त के अतिरिक्त कैशबुक, बिल पंजी, भण्डार पंजी, सामग्री वितरण पंजी, निविदा के अभिलेख, प्लाटेशन जर्नल, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री, वर्किग प्लान एवं अन्य अभिलेख भी अंकेक्षण दल द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ये अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में यह माना जायेगा की उत्तरदायी अधिकारी द्वारा शासकीय उत्तरदायित्व में लापरवाही बरतते हुये नियमानुसार शासकीय अभिलेखों का संधारण नहीं किया गया और इसके लिये संबंधित लोक सेवक के विरूद्ध अनुशासानत्मक कार्यवाही संस्थापित की जावेगी।

- डॉ. नवीन जोशी

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