भोपाल 19 सितम्बर 2022। राज्य के सामजिक न्याय विभाग ने अपने सभी संभागीय एवं जिला अधिकारियों को सडक़ पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास हेतु नीति 2022 क्रियान्वित करने के निर्देश जारी कर दिये हैं।
जारी निर्देश में कहा गया है कि 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग ने उक्त नीति जारी की है। सामाजिक परिस्थितियों, आर्थिक अभाव एवं संसाधनों की कमी के कारण अनेक परिवार में ऐसी विषम परिस्थितियां निर्मित हो जाती है कि उन परिवार के बच्चे सामान्यत: भिक्षावृति करने, कचरा/ पन्नी बीनने, बालश्रम करने, तमाशा दिखाते हुय पाये जाते है और माता-पिता के बेराजगार होने, उचित संरक्षण तथा पुनर्वास नहीं होने, गरीबी और विपरीत परिवारिक परिस्थिति एवं उचित मार्गदर्शन नही मिलने के कारण ऐसे बच्चे सडक़ पर रहने को मजबूर होते हैं। बच्चों की सरल प्रकृति होने के कारण उनके मादक पदार्थों की तस्करी अथवा अपराध में उपयोग किये जाने, यौन शोषण, बाल मजदूरी, बंधुआ मजदूरी, बाल तस्करी, नशे के शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
इसलिये इस नीति का गहनता से अध्ययन किया जाये और दिव्यांग बच्चों, नशे से ग्रसित बच्चों, भिक्षावृति करते बच्चों एवं बच्चों के परिवारों को विभागीय योजनाओं का पात्रता अनुसार लाभ दिलाये जाने का विभागीय दायित्व नियत है। विभागीय विधिवत कार्यवाहियां महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, ग्रामीण निकाय एवं नगरीय निकाय (शहरी आजीविका मिशन) के समन्वय से संपादित की जाये। मप्र भिक्षावृति निवारण अधिनियम 1973 एवं नियम 2018 संपूर्ण प्रदेश में प्रभावशील हैं। जिला स्तर से सडक़ पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास हेतु नीति पर की गई विभागीय कार्यवाही की जानकारी नियमित रूप से उपलब्ध कराएं।
-डॉ. नवीन जोशी
स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास की नीति के क्रियान्वयन के निर्देश जारी हुए
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Bhopal 👤By: DD Views: 851
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