भोपाल 6 नवंबर 2022। राज्य सरकार ने प्रदेश में आठ नये निजी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे अब राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या बढक़र 48 हो गई है। सरकार का लक्ष्य सौ निजी विवि स्थापित करने का है।
दरअसल विधानसभा के गत वर्षाकालीन सत्र में आठ नये निजी विवि स्थापित करने के लिये राज्य सरकार ने विधेयक पारित कराया था जिसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। इससे इन आठों विश्वविद्यालयों ने वैधानिक रुप ले लिया है। ये आठ निजी विवि हैं : प्रस्टीज विवि इंदौर, शुभम विवि भोपाल, डा. प्रीति ग्लोबल विवि शिवपुरी, एलएनसीटी विद्यापीठ विवि इंदौर, अमलतास विवि देवास, आर्यावर्त विवि सीहोर, विक्रांत विवि ग्वालियर तथा ज्ञानवीर विवि सागर।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इससे पहले गवर्नर के माध्यम से गत 22 फरवरी 2022 को मप्र निजी विवि स्थापना एवं संचालन संशोधन अध्यादेश जारी कर प्रदेश में चार नये निजी विश्वविद्यालयों यथा प्रेस्टिज विवि इंदौर, टाइम्स विवि भोपाल, डा. प्रीति ग्लोबल विवि शिवपुरी तथा एलएनसीटी विद्यापीठ विवि इंदौर के गठन को स्वीकृति प्रदान की थी परन्तु यह अध्यादेश 22 अगस्त को लैप्स यानि व्यपगत हो गया था क्योंकि कोई भी अध्यादेश सिर्फ छह माह तक ही विधिमान्य रह सकता है। दरअसल, किसी अध्यादेश को निरन्तर प्रभावशील रखने के लिये विधानसभा में उसका विधेयक पारित कराना होता है। पहले विधानसभा का वर्षाकालीन सत्र 25 जुलाई 2022 से बुलाया गया था परन्तु नगरीय एवं पंचायत आम चुनावों के कारण सत्र प्रारंभ करने की तिथि 13 सितम्बर 2022 कर दी गई। बाद में चार और नये व्रिवविद्यालयों के साथ अध्यादेश वाले चार विश्वविद्यालयों को सम्मिलित कर नया विधेयक 15 सितम्बर 2022 को विधानसभा के वर्षाकालीन सत्र में पारित किया गया जिसे अब राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान कर दी है जिससे यह एक अधिनियम के रुप में प्रभावशील हो गया है।
- डॉ. नवीन जोशी
मध्य प्रदेश में आठ नये निजी विवि प्रारंभ करने को मिली मंजूरी
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1174
Related News
Latest News
- मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की लंदन यात्रा, हुआ गर्मजोशी से स्वागत
- भोपाल गैस त्रासदी: पीढ़ियों तक फैला जहर, मिट नहीं रहा दर्द
- ब्लूस्काई क्यों बन रहा सोशल मीडिया का नया पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म?
- प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में भोपाल के महेश और इंदौर के प्रयासों की सराहना
- सोशल मीडिया से बने "डिजिटल डॉन", लॉरेंस बिश्नोई की छवि को सोशल मीडिया ने कैसे बढ़ावा दिया
- अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब दूरसंचार हैक का खुलासा: सीनेटर