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प्रदेश में हाथियों के प्रबंधन के लिये नए दिशा-निर्देश लागू ....

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 964


उग्र होने पर मिर्च पावडर और रबर बुलेट का भी इस्तेमाल हो सकेगा

भोपाल 11 दिसंबर 2022। राज्य के वन विभाग ने हाथियों के मानव से द्वन्द को रोकने के लिये दिशा-निर्देश तैयार किये हैं जिनके माध्यम से इनका प्रबंधन किया जायेगा। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हाथियों को खदेडऩे के पूर्व जनसमुदाय एवं भीड़ को आगाह करने के लिये सायरन या लाउडस्पीकर के माध्यम से चेतावनी जारी की जायेगी तथा जनसमुदाय को हाथियों से ढाई सौ मीटर की दूरी पर रखा जायेगा। साथ ही हाथियों को खदेडऩे की कार्यवाही चमकदार प्रकाश एवं पटाखों से, सायरन की आवाज से एवं अन्य माध्यमों से शोर करके की जायेगी, यदि इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर वापस हमला करता है तो मिर्च पावडर एवं रबर बुलेट का उपयोग किया जा सकेगा। परन्तु रबर बुलेट का उपयोग हाथी की आंखों एवं मस्तक पर नहीं किया जायेगा। यदि इस पर भी हाथी उग्र होते हैं तो वन विभाग की रेपिड रिस्पांस टीम वाहन में बैठकर घटना स्थल से दूर चली जायेगी।
दिशा-निर्देश में बताया गया है कि विगत कुछ वर्षों से मप्र के पूर्वी जिलों रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया आदि में डत्तीसगढ़ राज्य से हाथी आते हैं। मानव-हाथी द्वन्द से देश में हर साल 500 व्यक्ति मारे जाते हैं एवं लगभग 100 हाथी इलेक्ट्रोक्युशन, जहर देने, ट्रेन से टकराने आदि की वजह से मारे जाते हैं।
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्रत्येक प्रभावित ग्राम में हाथी मित्र दल बनाये जायें जिनमें गांव के सक्रिय युवक जो शराब आदि का सेवन नहीं करते हैं और पढ़े-लिखे हों, को शामिल किया जाये। यदि हाथी अनाज, नमक या महुआ शराब की तलाश में हों तो उनके भण्डारण पर कोई अप्रिय घटना घटित होने के पूर्व, ग्रामीणों को वहां से हटा दिया जाये। हाथी को पकडऩा आवश्यक होने पर पहले पीसीसीएफ वाईल्ड लाईफ से अनुमति ली जाये। ग्राम में महुआ शराब का उत्पादन नहीं किया जाये और ग्राम में ग्रामीणों द्वारा खुले में शौच न किया जाये तथा इसके लिये उनके घरों के पास ही टायलेंट बनाये जायें। हाथी की सुंघने एवं सुनने की शक्ति बहुत तीव्र होती है परन्तु मनुष्यों की तुलना में देखने की शक्ति कम होती है। हाथी 40 किमी प्रति घण्टे की गति से एक किलोमीटर तक निरन्तर दौड़ सकता है। हाथ्ी कभी-कभी नकली हमला भी करते हैं जिसमें वह हमला करने के लिये आगे बढ़ता है और बीच में ही वापस हो जाता है ताकि ग्रामीण उनसे दूर भाग जायें।


- डॉ. नवीन जोशी

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