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पेसा नियमों के कारण अब पांच आदिवासी विकासखण्डों में नहीं होगा तेन्दूपत्ते का पायलट प्रोजेक्ट

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 788

भोपाल 13 दिसंबर 2022। मप्र पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियम 2022 यानि पेसा नियम गत 15 नवम्बर से पूरे प्रदेश में प्रभावशील हो गये हैं, इसलिये अब तेन्दूपत्ता के संग्रहण एवं व्यापार का कार्य पांच आदिवासी विकासखण्डों की ग्राम सभाओं में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में नहीं चलाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले निर्णय लिया था कि तेन्दूपत्ता के संग्रहण एवं व्यापार का अधिकार मप्र लघु वनोपज संघ से वापस लेकर ग्राम सभाओं को दिया जायेगा। इसके लिये पायलट प्रोजेक्ट चलाने हेतु पांच विकासखण्डों का चयन किये जाने की फाईल चली। लघु वनोपज संघ ने खण्डवा जिले के खालवा, डिण्डौरी जिले के मेहन्दवानी, दक्षिण बैतूल के आठनेर, उमरिया जिले के पाली एवं श्योपुर जिले के कराहल विकासखण्ड का चयन किया तथा प्रशासकीय अनुमोदन के लिये वन मंत्री विजय शाह के पास भेजा। परन्तु वन मंत्री ने अपने गृह जिले खण्डवा के खालवा विकासखण्ड के चयन का विरोध किया जिस पर लघु वनोपज संघ ने खालवा का नाम हटाकर अलीराजपुर जिले के कठ्ठीवाड़ा विकासखण्ड का चयन किया। लेकिन अब यह प्रस्ताव वन मंत्री ने इस आधार पर निरस्त कर दिया है कि पेसा नियम प्रभावशील हो गये हैं जिसमें ग्राम सभाओं को तेन्दूपत्ता के संग्रहण एवं व्यापार का प्रावधान किया गया है इसलिये अब कोई पायलट प्रोजेक्ट नहीं चलाया जायेगा।
15 दिसम्बर तक का समय दिया :
इधर सभी आदिवासी विकासखण्डों की ग्राम सभाओं को 15 दिसम्बर 2022 तक का समय दिया गया है कि वे बतायें कि क्या वे तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं व्यापार स्वयं करना चाहते हैं, नहीं तो यह कार्य पुन: राज्य लघु वनोपज संघ को दे दिया जायेगा। इसके लिये इन ग्राम सभाओं को संकल्प भी पारित करना होगा। उल्लेखनीय है कि पेसा नियमों में प्रावधान है कि तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं व्यापार राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से कराया जायेगा, तथापि ग्राम सभा चाहे तो तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं व्यापार स्वयं कर सकेगी बशर्ते ग्राम सभा संबंधित संग्रहण वर्ष के पूर्व में 15 दिसम्बर तक इस हेतु संकल्प पारित कर ग्राम पंचायत के माध्यम से वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को अवगत कराये। अब यदि इन ग्राम सभाओं ने 15 दिसम्बर तक संकल्प पारित कर जानकारी नहीं दी तो तेन्दूपत्ते के संग्रहण एवं व्यापार का कार्य लघु वनोपज संघ ही देखेगा।

- डॉ. नवीन जोशी

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