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सीपीए बंद कर बनाये नये वनमंडल की समस्या हल करने अब दूसरी बार जाना होगा केबिनेट में

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 756

भोपाल 16 दिसंबर 2022। राज्य सरकार ने राजधानी परियोजना प्रशासन यानि सीपीए को बंद कर उसके पार्कों की व्यवस्था देखने के लिये गत 26 सितम्बर को केबिनेट के निर्णय से नया पर्यावरण वानिकी मंडल भोपाल गठित किया था और सीपीए में कार्यरत 222 स्थाई कर्मियों एवं 38 वन अफसरों एवं कर्मचारियों को इसमें मर्ज किया था और इनके वेतन के लिये वित्त विभाग से भी स्वीकृति ले ली थी। परन्तु इसके बावजूद पिछले दो माह से इन मर्ज कर्मियों का वेतन ट्रेजरी से नहीं निकल पा रहा है। इसका कारण यह है कि उक्त कर्मियों को तो वन विभाग ने नये वनमंडल में मर्ज कर लिया परन्तु इनके पदों की निरन्तरता की स्वीकृति नहीं ली है। इसी कारण से नये वनमंडल का ट्रेजरी में डीडीओ कोड बनने के बावजूद भी उसमें से वेतन आहरित नहीं हो पा रहा है क्योंकि पदों की निरन्तरता न होने के कारण वित्त विभाग ने इस डीडीओ कोड को एक्टिव नहीं किया है। इसलिये अब वन विभाग को दूसरी बार केबिनेट में जाना होगा ताकि वह केबिनेट से पदों की निरन्तरता की स्वीकृति ले ले। इसके लिये संक्षेपिका केबिनेट को भेज दी गई है।
ज्ञातव्य है कि मूल विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अन्य निकाय में पदस्थ करने पर वहां पदों की निरन्तरता पांच साल के लिये रहती है और पांच साल खत्म होने पर उसकी पुन: स्वीकृति केबिनेट से लेना होती है। इसी कारण से नये वनमंडल की गतिविधियां रुकी पड़ी हैं और इसमें पदस्थ कर्मियों को वेतन भी नहीं मिल रहा है। यह नया वनमंडल वन विभाग के भोपाल वन वृत्त में शामिल किया गया है। पदों की निरन्तरता के संबंध में वित्त विभाग द्वारा लगाये अड़ंगे से वन विभाग के बड़े अफसर खफा हैं तथा उनका कहना है कि बहुत से ऐसे शासकीय निकाय हैं जिनमें पदों की निरन्तरता पांच साल भी नहीं बढ़ाई गई है परन्तु उनमें वेतन एवं अन्य खर्चे वित्त विभाग ने नहीं रोके हैं।

- डॉ. नवीन जोशी

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