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मध्यप्रदेश बन रहा है अब निवेश का बड़ा केंद्र : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 908

भोपाल 17 दिसम्बर 2022। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब निवेश का बड़ा केंद्र बन रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं। आगामी 8, 9 एवं 10 जनवरी को इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 80 देशों के प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। साथ ही 11 और 12 जनवरी को इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने के लिए 52 देशों द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। मध्यप्रदेश की धरती पर 5जी सेवाएँ शुरू हो गई हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज कटनी में लघु उद्योग भारती के स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2022 में युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शासकीय योजनाओं की जानकारी देने वाले क्यूआर कोड भी लॉन्च किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप और एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएँ दे रही है। प्रदेश की स्टार्टअप नीति में नए स्टार्टअप्स को एक करोड़ रूपए तक की विशेष प्रोत्साहन सहायता का प्रावधान किया गया है। इनोवेटिव आइडिया होने पर बैंक से केपिटल फंड की भी व्यवस्था की जाती है। प्रदेश में स्टार्टअप्स को सहायता करने के लिए विशेषज्ञों का स्टार्टअप सेंटर भी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश को स्वावलंबी बनाने में लघु उद्योग भारती के प्रयास सराहनीय हैं। प्रदेश में एमएसएमई की इकाई डालने पर केपिटल सब्सिडी, सस्ती जमीन, पूँजी, ब्याज सब्सिडी आदि सहायता दी जाती है। हाल ही में एक दिन में ही प्रदेश में 1900 लघु औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया गया। अब 5 हजार उद्योगों के प्रारंभ होने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं से प्रदेश में स्टार्टअप शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें। अपना खुद का काम-धंधा शुरू करें। सरकार उसमें पूरी सहायता देगी। स्टार्टअप लगाने में बेटियों को सरकार द्वारा 20 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि यदि दृढ़निश्चय कर लें तो उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। भारत के श्री सुंदर पिचई ने चमत्कार कर दिखाया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि बारहवीं कक्षा के बाद उन्हें किस दिशा में जाना है। उन्होंने कहा कि 12वीं में 75 प्रतिशत या अधिक अंक लाने पर सरकार लेपटॉप देती है। मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू कर दी गई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जा रही है। हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, इसलिए आवश्यक है कि स्व-रोजगार शुरू करें, राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। वे अपना स्टार्टअप शुरू कर नौकरी देने वाले बन सकते हैं। प्रदेश के 2500 बच्चे अपना स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं को उत्साहित करते हुए कहा कि मनुष्य अनंत शक्तियों का भंडार है। व्यक्ति हिम्मत और हौसले से ब्रह्मांड पर भी कमांड कर सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक बार फिर सोने की चिड़िया और विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्टार्टअप की सहूलियत के लिए प्रदेश में स्टार्टअप पोर्टल शुरू किया गया है, जो इनक्यूबेटर और निवेशकों के बीच सेतु का काम करेगा। स्टार्टअप को शासकीय टेंडर में भाग लेने के लिए पहले निर्धारित अनुभव और टर्न ओवर की शर्त थी, अब दोनों की छूट दे दी गई है। राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को निवेश सहायता, आयोजन सहायता, उन्नयन सहायता के साथ ही लीज पर जगह लेने पर एक सीमा और निर्धारित समय के लिए किराए की सहायता भी दी जाती है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सेबी और आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों से फंड प्राप्त करने वाले स्टार्टअप्स को 15 प्रतिशत की दर से 15 लाख रूपये तक की सहायता दी जाएगी। भंडार क्रय नियमों में सरकारी खरीद में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि वे सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में एक नोट बना कर बच्चों को भिजवाएँ। साथ ही हर जिले के कलेक्ट्रेट में एक टीम बनाई जाए जो स्टार्टअप का सहयोग एवं मार्गदर्शन करे। स्कूल और कॉलेज में स्टार्टअप के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए जाएँ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी लघु उद्यमियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक लघु उद्योग स्थापित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीआईसी और एमपीआईडीसी अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों को 5 हजार वर्ग फीट के प्लॉट आवंटन में 25% का आरक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण स्तर पर स्व-रोजगार बढ़ाने के लिए मल्टी स्टोरीज बनाने की योजना है, जहाँ "प्लग एंड प्ले" की सुविधा दी जाएगी। छोटे उद्यमी यहाँ किराए पर स्थान लेकर अपना उद्योग शुरू कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कटनी दाल मिल का क्षेत्र है। मुख्यमंत्री चौहान ने स्थानीय मांग पर घोषणा की कि अब आयातित दाल को भी मंडी टैक्स में छूट दी जाएगी। इस संबंध में केबिनेट में शीघ्र प्रस्ताव लाया जाएगा। कटनी में जमीन की उपलब्धता अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना की भी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योग में सुरक्षा के सारे इंतजाम जरूरी हैं, परंतु यदि पूरी सुरक्षा और सावधानी के बावजूद भी कोई दुर्घटना होती है तो उस स्थिति में प्रकरण धारा 304 के स्थान पर धारा 304 ए में दर्ज किया जाएगा। मामले की पूरी जाँच की जाएगी और दोषी के विरूद्ध कार्रवाई भी होगी। केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार मध्यप्रदेश के उद्योगों में निष्पादन की भूमि 3 प्रतिशत कर दी गई है। ट्रेड प्राथमिकता के अंतर्गत एमएसएमई को 50% आरक्षण कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप को प्रोत्साहन राशि का भुगतान अब ऑनलाइन डीबीटी से होगा। इससे समय की बचत के साथ अनियमितता भी समाप्त हो जायेगी। आजकल हमने अनियमितताओं के खिलाफ डण्डा उठा रखा है। पिछले 15 दिन में शासकीय योजनाओं में गड़बड़ करने वाले 26 अधिकारी-कर्मचारियों को मैंने सस्पेंड किया है और 24 को नौकरी से निकाला गया है। लघु उद्यमों की सहायता करने के लिए हर जिले में उद्योग सहायता समूह बनाए जाएंगे।

एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने विभाग द्वारा स्टार्टअप को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, लघु उद्योग भारती के श्री प्रकाश चंद्र, श्री घनश्याम ओझा, श्री जितेंद्र गुप्ता और जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में उद्यमी और युवा उपस्थित थे।

प्रदर्शनी का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लघु उद्योग भारती द्वारा दिव्यांचल गार्डन में लगाई गई स्वावलंबी भारत ट्रेड फेयर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रर्दशनी में शासकीय विभागों तथा देश भर से आए लघु उद्योग व्यापारियों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से स्व-सहायता समूहों के उत्पाद, मार्बल क्राफ्ट, मसाले, दालों, लेडीज एवं जेन्टस के आधुनिक एवं परम्परागत परिधान, अचार, मुरब्बा, कीट नियंत्रक जैविक दवाएँ, हर्बल उत्पाद, गोबर से बने दीये, ऑवला प्रोसेसिंग उत्पाद, लघु उद्यमियों द्वारा तैयार लकड़ी के फर्नीचर, हैण्ड लूम, इलेक्ट्रॉनिक के सामान शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-सहायता समूह के सदस्यों तथा लघु व्यापारियों से उनके उत्पादों के संबंध में चर्चा भी की। मुख्यमंत्री श्री चौहन ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाई गई लाड़ली लक्ष्मी योजना की प्रदर्शनी में लाडली कनक चौघरी तथा प्रियांशी का पूजन कर उपहार भेंट किए। शिवलिंग मार्बल स्टोन जबलपुर की लोक कल्याण भूमिका समिति की महिलाओं द्वारा अपना उत्पाद "मार्बल शिवलिंग" मुख्यमंत्री को भेंट किया गया।


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